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निर्वाचक नामावलियों का अंतिम प्रकाशन 14 फरवरी को

इस समय राज्य मे कुल 403 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों मे कुल 14.38करोड़ मतदाता निर्वाचक नामावली मे है। जनगणना के अनुसार जेण्डर रेशियो 908 के सापेक्ष वर्तमान में 847है, जो काफी नजदीक है।

Shivakant Shukla
Published on: 20 Dec 2019 9:18 PM IST
निर्वाचक नामावलियों का अंतिम प्रकाशन 14 फरवरी को
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लखनऊ: निर्वाचन आयोग ने तीन विशेष अभियान चलाकर अपनानाम मतदाता सूची में शामिल किए जाने की तिथियां निर्धारित की है। आलेख्य प्रकाशन अवधि में प्राप्त दावे औरआपत्तियों का निस्तारण 3 फरवरी को करते हुए नामावलियों का अंतिम प्रकाशन 14फरवरी को किया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 29 दिसम्बर से 5 जनवरी एवं 12 जनवरी निर्धारित किए जाने केबारे में आयोग से अनुमोदन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। राज्य में इससमय कुल 1,63,331 लाख पोलिंग स्टेशनों के सापेक्ष अब 1,63,494 लाख पोलिंग स्टेशनहो गए हैं।

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इस समय राज्य मे कुल 403 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों मे कुल 14.38करोड़ मतदाता निर्वाचक नामावली मे है। जनगणना के अनुसार जेण्डर रेशियो 908 के सापेक्ष वर्तमान में 847है, जो काफी नजदीक है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि...

मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि इस विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण में मुख्यतः युवा मतदाताओं, महिला मतदाताओं एवंदिव्यांग मतदाताओं के नाम जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस दौरान मृत 8,21,646, शिफ्टेड 11,13,800 तथा रिपीटेड4,24,722 हुए हैं।

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उन्होंने बताया कि मतदाता सूची पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य, स्वस्थ एवं स्वच्छ मतदाता सूची तैयार करना, समस्त अर्ह व्यक्तियों का नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाना, मृतक, डुप्लीकेट अथवा स्थानान्तरित मतदाताओं का नाम सूची से गायब किया जाना, महिलायें एवं युवा मतदाता जिनकीसंख्या जनसंख्या के अनुपात में कम पंजीकृत है, उनके लिये पंजीकरण पर विशेषध्यान एवं दिव्यांग मतदाताओं का पंजीकरण किया जाना है।

मतदाता सूची पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य

उन्होंने बताया लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 की धारा 17के अन्तर्गत निर्वाचक नामावली में कोई भी व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकृतकिये जाने का अधिकारी नहीं है तथा धारा 18 के अन्तर्गत कोई भी व्यक्ति एक से अधिकनिर्वाचन क्षेत्रों में पंजीकृत नहीं किया जायेगा। इसके अलावा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 31 केअन्तर्गत कोई भी व्यक्ति जो निर्वाचक नामावली की प्रविष्टियों के संबंध में मिथ्या घोषणा करेगा वह एक वर्ष के कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डनीय होगा। नयी व्यवस्था के अन्तर्गत अब बूथ लेविल एजेन्ट्स द्वारा एक बार में 10और पूरी पुनरीक्षण अवधि में कुल 30 फार्म आवश्यक घोषणा पत्र के साथ जमा कराये जा सकते हैं।

Shivakant Shukla

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