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सीएए का विरोध कर रहे भीम आर्मी के नेताओं को भेजा गया जेल
भीम आर्मी के प्रदर्शन को देखते हुए जिला मुख्यालय पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। अकबरपुर के अलावा बेवाना, सम्मनपुर तथा महरुआ के थानाध्यक्षों को भी लगाया गया था। प्रशासन व भीम आर्मी के नेताओं के मध्य 10:00 बजे के बाद से ही लुका छिपी का खेल चल रहाा था।
अम्बेडकर नगर: सीएए, एनआरसी को वापस लिए जाने तथा जेल में बंद भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर की रिहाई की मांग को लेकर भीम आर्मी की जिला इकाई ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। इसके बाद राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी अकबरपुर अभिषेक पाठक को सौंपा।
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जिला मुख्यालय पर की गई गिरफ्तारी
भीम आर्मी के प्रदर्शन को देखते हुए जिला मुख्यालय पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। अकबरपुर के अलावा बेवाना, सम्मनपुर तथा महरुआ के थानाध्यक्षों को भी लगाया गया था। प्रशासन व भीम आर्मी के नेताओं के मध्य 10:00 बजे के बाद से ही लुका छिपी का खेल चल रहाा था।
दोपहर लगभग 1:00 बजे भीम आर्मी के दर्जनभर कार्यकर्ता् अचानक जिला अस्पताल के सामने की तरफ पहुंच गये। इसके बाद वे सब जिलाध्यक्ष विवेक शाही के नेतृत्व में दर्जन भर कार्यकर्ताओ ने कलेक्ट्रेट की तरफ बढ़ना चाहा लेकिन प्रशासन ने उनकी मंशा को विफल कर दिया। कलेक्ट्रेट के पहले ही ज्ञापन ले लिया गया लेकिन इसके बावजूद वे सब जबरदस्ती एक बार फिर आगे बढ़ने का प्रयास करने लगे जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
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धारा 151 के तहत भेजा गया जेल
उपजिलाधिकारी अभिषेक पाठक ने बताया कि गिरफ्तार किये गये दस लोगों को धारा 151 के तहत जेल भेज दिया गया है। गौरतलब है कि इसके पूर्व बहुजन मुक्ति मोर्चा ने भी जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर सीएए के विरोध में ज्ञापन सौंपाा था। जेल भेजे जाने वालों में जिला प्रभारी विवेक शाही, कमलेश कुमार केशरी, निहितराम आदि लोग शामिल हैं।
क्या है भीम आर्मी
भीम आर्मी अंबेडकर सेना या भीम आर्मी भारत एकता मिशन, जिसे भीम आर्मी भी कहा जाता है, भारत में एक बहुजन-संगठन है। इसकी स्थापना वकील चंद्रशेखर आज़ाद रावण और विनय रतन सिंह ने की थी। यह संगठन छुआछूत, भेदभाव व ऊँच-नीच की भावनाओं को मिटाने के लिए व शिक्षा के माध्यम से बहुजन मुक्ति के लिए काम कर रहा है। यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बहुजनों के लिए 350 मुक्त विद्यालय चलाता है। सहारनपुर, मेरठ, शामली और मुजफ्फरनगर। संगठन का नाम भीमराव अंबेडकर के नाम पर रखा गया है।
बहुजनों के प्रति उच्च जाति ठाकुर समुदाय से अत्याचार के कारण भीम सेना का गठन शुरू हो गया था। जब पीड़ितों ने प्रशासन से मामला उठाया, तो उन्हें विभिन्न तिमाहियों से धमकी मिली।
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उत्तर प्रदेश में जातिगत संघर्ष के बाद यह प्रमुख हो गया, जिसमें उनकी भागीदारी के लिए रावण को बाद में उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार कर लिया।
भीम आर्मी ने नई दिल्ली के जंतर-मंतर में दो बड़ी रैलियों का आयोजन किया, जहाँ हजारों बहुजन प्रदर्शनकारी अत्याचारों का विरोध करने के लिए एकत्रित हुए, जो कहते हैं कि वे सामना करना चाहते हैं और रावण की रिहाई की मांग करते हैं।