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25 सितंबर को हल्लाबोल: सड़कों पर उतरेंगे वामपंथी दल, विरोध को देंगे समर्थन

वामपंथी दलों ने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वयन समिति द्वारा आगामी 25 सितंबर को संसद से पारित कृषि बिल को वापस लेने की मांग को लेकर प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन का पूरी तरह से समर्थन करने का ऐलान किया है।

Newstrack
Published on: 22 Sept 2020 4:00 PM IST
25 सितंबर को हल्लाबोल: सड़कों पर उतरेंगे वामपंथी दल, विरोध को देंगे समर्थन
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कृषि बिल को वापस लेने की मांग को लेकर 25 सितंबर को होगा वामदलों का प्रदर्शन (social media)

लखनऊ: वामपंथी दलों ने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वयन समिति द्वारा आगामी 25 सितंबर को संसद से पारित कृषि बिल को वापस लेने की मांग को लेकर प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन का पूरी तरह से समर्थन करने का एलान किया है। वामपंथी दलों ने यूपी की अपनी सभी जिला इकाइयों से इस विरोध प्रदर्शन का सहयोग करने की अपील करते हुए कहा है कि अन्य राजनैतिक दलों से विचार विमर्श कर विरोध प्रदर्शन के लिए कार्यक्रम तय करे और किसानों का पूरी तरह साथ दें।

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एक आनलाइन बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया

इस संबंध में मंगलवार को वामपंथी दलों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भाकपा-माले तथा आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक के राज्यों के प्रमुखों की एक आनलाइन बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि समय से पहले एमएसपी घोषित करने की सरकार की कवायद किसानों में उपजे आक्रोश को ठंडा करने की कोशिश और उन्हें भ्रम में डालने वाली है। अपने कुकृत्यों से किसानों और युवाओं के बीच पूरी तरह बेनकाब मोदी सरकार अब विपक्ष पर उन्हें भड़काने का आरोप लगा रही है। यूपी की योगी सरकार आंदोलित किसानों और नौजवानों पर जिस वहशियाना ढंग से हमलावर है वामदल उसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।

भाजपा सोचती है कि वह विपक्ष का मुंह बंद कर देगी, तो वह दिन में सपने देख रही है

वामदलों ने भाजपा सरकार द्वारा कानूनों को रौंद कर देश की खेती को गिरवी रखने के लिये सभी संसदीय प्रक्रियाओं और कायदे कानूनों को हवा में उड़ाने की कारगुजारियों की निंदा करते हुए कहा कि संसदीय लोकतंत्र के इस विनष्टीकरण से फांसीवाद के पूर्वाभास का सहज अनुमान लगाया जा सकता है। वामदलों का कहना है कि राज्यसभा में मत विभाजन और मतदान की मांग करने वाले विपक्षी सांसदों को निलंबित कर अगर भाजपा सोचती है कि वह विपक्ष का मुंह बंद कर देगी, तो वह दिन में सपने देख रही है।

farmer farmer (social media)

देश की जनता ने अनेक संघर्षों से लोकतंत्र को परवान चढ़ाया है

देश की जनता ने अनेक संघर्षों से लोकतंत्र को परवान चढ़ाया है और वे भाजपा की इस शातिराना कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेगी। वामदलों ने आम जनता से संवैधानिक गणराज्य पर हो रहे संगीन हमलों के खिलाफ विरोध प्रकट करने के लिए आगे आने का आह्वान करते हुए भारतीय संसद, भारत के संविधान और धर्मनिरपेक्ष लोकतान्त्रिक गणतन्त्र की रक्षा के संकल्प को दोहराया।

कृषि कानूनों के संबंध में वामदलों ने कहा

कृषि कानूनों के संबंध में वामदलों ने कहा कि सरकार द्वारा थोपे गये ये कानून देश की खेती और हमारे किसानों को बरबाद कर देंगे। सारे कृषि क्षेत्र को कृषि-विपणक कॉरपोरेट को ट्रांसफर कर देने से न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली के साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली पूरी तरह खत्म हो जायेगी और काला बाजारियों और कॉरपोरेट को खाद्यान्नों और खाद्य पदार्थों की जमाखोरी की खुली छूट मिल जायेगी।

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इससे कालाबाजारी और कारपोरेट्स खाद्य पदार्थों की क्रत्रिम किल्लत पैदा करके कीमतों को मनमाने तरीके से बढ़ा सकेंगे। वामदलों ने सरकार के इस फैसले को विश्व व्यापार संगठनों के आदेशों तथा उरुग्वे वार्ताओं का संघी संस्करण करार देते हुए कहा कि ये कानून भारत की खाद्य सुरक्षा को गंभीर खतरे में डाल देंगे।

मनीष श्रीवास्तव

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