TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

लॉकडाउन: नहीं मिल रहा कच्चा माल, कंपनियों पर बंद होने का खतरा

लॉकडाउन 4 में सरकार की गाइडलाइन के बाद औद्योगिक संचालन की अनुमति पूरी तरह से मिल चुकी है। इसके बावजूद नोएडा की कुछ कंपनियां कंटेनमेंट जोन में होने की वजह से रुकी पड़ी हैं।

Ashiki
Published on: 20 May 2020 10:30 PM IST
लॉकडाउन: नहीं मिल रहा कच्चा माल, कंपनियों पर बंद होने का खतरा
X

नोएडा: लॉकडाउन 4 में सरकार की गाइडलाइन के बाद औद्योगिक संचालन की अनुमति पूरी तरह से मिल चुकी है। औद्योगिक सेक्टर फेज टू (सेक्टर-80 से 88) व थ्री (सेक्टर-57 से 68) में इकाइयों का संचालन शुरू हो चुका है, लेकिन नोएडा की औद्योगिक सेक्टरों की रीढ़ (फेज वन, सेक्टर-1 से 11 तक) अभी भी कंटेंमेंट जोन में है इसलिए इकाइयों का संचालन जिस प्रकार से शुरू होना चाहिए था, उसे गति नहीं मिल पा रही है।

ये भी पढ़ें: यूपी इन्वेस्टर्स समिट के नए निवेश के प्रस्तावों पर मंत्री का बड़ा दावा

इन सेक्टर्स में शुरू किया जाए काम

नोएडा एंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन ने बताया कि सेक्टर-9, 10, 5, 8 प्रशासन की सूची में कंटेंमेंट जोन है। यहां करीब 1500 इकाइयां औद्योगिक क्षेत्र के लिए रॉ मैटेरियल उपलब्ध कराती हैं। जो इस समय औद्योगिक इकाइयों की मदद में पूरी तरह से असक्षम हैं। इसलिए अन्य फेज में इकाइयों के संचालन का कोई विशेष महत्व नहीं है। जब औद्योगिक इकाइयों की जरूरत का आइटम ही उपलब्ध नहीं होगा, तो संचालन कैसे संभव है। इस मामले पर जिलाधिकारी सुहास एल वाई को भी अवगत कराया है।

ये भी पढ़ें: एक्टर ने 4 साल बाद कही मन की बात, बोले- सबरजीत के रोल ने ले ली थी जान

मरीज मिलने पर उतने क्षेत्र को किया जाए सील

स्पष्ट किया है कि जिस प्रकार से अस्पताल या हाइराइज सोसायटी में कोई कोरोना संक्रमित मिल जाता है। तो उस अस्पताल या हाइराइज सोसायटी को पूरी तरह से सील नहीं किया जाता है। ठीक उसी प्रकार से हरौला गांव, सेक्टर-5, 8, 9, 10 झुग्गी-झोपड़ी में कोरोना संक्रमित मिलने पर सिर्फ उतरना ही क्षेत्र सील कर बाकी में संचालन की अनुमति दी जाए। इससे कारोबारियों की मदद भी होगी, औद्योगिक गतिविधियों के संचालन पर सरकार को राजस्व भी प्राप्त होता रहेगा। अन्यथा एक मरीज मिलने पर 250 मीटर और अधिक होने पर 500 मीटर का क्षेत्र इस महामारी में औद्योगिक संचालन फेज वन में होने नहीं देगा। इससे कारोबारी पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे।

ये भी पढ़ें: जमीन विवाद में जमकर चले लाठी-डंडे, एक ही परिवार के तीन की मौत, फोर्स तैनात

रिपोर्ट: दीपांकर जैन



\
Ashiki

Ashiki

Next Story