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Lok Sabha Election 2024: राजभर का मुख्तार को तगड़ा झटका, अब विधायक अब्बास अंसारी रहेंगे साथ या छोड़ेंगे सुभासपा

UP Politics: अब्बास अंसारी राजभर की पार्टी सुभासपा से मऊ सदर से विधायक हैं। ओपी राजभर अब एनडीए का हिस्सा बन गए हैं। ऐसे में अब अब्बास अंसारी का क्या रूख रहेगा। पार्टी छोड़ेंगे या फिर रहेंगे साथ।

Ashish Pandey
Published on: 16 July 2023 7:05 PM IST
Lok Sabha Election 2024: राजभर का मुख्तार को तगड़ा झटका, अब विधायक अब्बास अंसारी रहेंगे साथ या छोड़ेंगे सुभासपा
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Abbas Ansari (Pic: Social Media)

UP Politics: राजनीति में कब कौन किसके साथ हो जाए और कब कौन किसका साथ छोड़ दे यह कहना मुश्किल है। ओम प्रकाश राजभर आज एनडीए के साथ हो गए। अब जब राजभर भाजपा के सहयोगी दलों में शामिल हो गए हैं तो उन्हीं के पार्टी के कुछ लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यहां बात हो रही है माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की। 2022 के विधानसभा चुनाव में अब्बास अंसारी राजभर की पार्टी सुभासपा से मऊ सदर से विधायक चुने गए थे।

अब लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी अपना कुनबा बढ़ाने में जुटी है। रविवार को बीजेपी को सुभासपा का साथ मिल गया। ओम प्रकाश राजभर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए में शामिल हो गए। ऐसे में अब नजरें मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी टिक गई है कि अब अब्बास अंसारी का अगला कदम क्या होगा? क्या वह एनडीए का दामन थामेंगे या सुभासपा से अलग होने का एलान करेंगे?

बता दें कि मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा के टिकट पर 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में मऊ सदर से विधायक चुने गए थे। अब सुभासपा के मुखिया ओपी राजभर एनडीए गठबंधन का हिस्सा बन गए हैं तो वहीं अभी तक विधायक अब्बास अंसारी की ओर से एनडीए में शामिल होने या सुभासपा छोड़ने की जानकारी सामने नहीं आई है। 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सपा और सुभासपा ने गठबंधन में लड़ा था। जिसमें मऊ सदर की सीट सुभासपा के खाते में आई थी और राजभर ने इस सीट से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को अपना उम्मीदवार बनाया गया। अब्बास अंसारी ने इस सीट से जीत भी दर्ज की।

हालांकि वहीं बीते साल नवंबर में जब अब्बास की गिरफ्तारी हुई तो ओम प्रकाश राजभर ने कहा था, ‘अब्बास अंसारी हमारे नहीं सपा के हैं। मुझे खत्म करने के लिए सपा मुखिया ने चाल चली थी। उन्होंने कहा था कि सपा ने डमी प्रत्याशियों को टिकट दिलवा कर हमें खत्म करने का प्रयास किया था, सपा से समझौते में सुभासपा को 16 सीटें दी गईं थी। उसी में अब्बास थे और सिंबल हमारा था।‘ राजभर ने कहा कि अब्बास सपा का झंडा लगाकर घूमते हैं।

तो इसलिए पैदा हुआ सवाल

यूपी विधानसभा चुनाव के बाद अखिलेश की सपा और ओपी राजभर की सुभासपा का गठबंधन टूट गया। गठबंधन टूटने के बाद भी विधायक अब्बास अंसारी ने सुभासपा छोड़ने या इस्तीफा की पेशकश नहीं की। वहीं अब सुभासपा के एनडीए का हिस्सा बनने पर विधायक अब्बास अंसारी का पेंच फंस गया है। सुभासपा प्रमुख ने बेटे अरविंद राजभर के साथ एनडीए खेमे में जाने का औपचारिक एलान कर दिया। ऐसे में बतौर विधायक अब्बास अंसारी भी एनडीए में शामिल ही माने जा रहे हैं। अब देखा जाए तो मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी पर स्थिति को स्पष्ट करने का दबाव बढ़ गया है। अब अब्बास अंसारी क्या करेंगे। सुभासपा में बने रहेंगे या पार्टी छोड़ेंगे।

इसलिए खड़ा हो रहा सवाल

अब सुभासपा भाजपा की सहयोगी हो गई है। ऐसे में सवाल यह है कि यूपी की जिस योगी सरकार ने माफियाओं पर नकेल कसी है। मुख्तार अंसारी जैसे माफिया के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं तो क्या मुख्तार के बेटे अब भाजपा की सहयोगी पार्टी सुभासपा का हिस्सा बने रहेंगे या पार्टी छोड़ेंगे। अब्बास अंसारी क्या कदम उठाएंगे यह तो वे ही जाने लेकिन इतना तो तय है कि वह शायद ही एनडीए का हिस्सा बनना पसंद करेंगे।



Ashish Pandey

Ashish Pandey

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