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पटरी दुकानदारों के लिए बड़ी मांग, बैंक अभियान चला कर दें लोन

बैंकों को ऋण वितरण में संकोच नहीं होना चाहिए। डॉ सहगल ने कहा कि इस योजना में निजी बैंकों को भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए।

Newstrack
Published on: 3 July 2020 4:02 PM GMT
पटरी दुकानदारों के लिए बड़ी मांग, बैंक अभियान चला कर दें लोन
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लखनऊ: अब तक 3.32 लाख इकाइयों को ऋण स्वीकृति पत्र जारी किया जा चुका है। इनमें से 1.35 लाख इकाइयों को 3442 करोड़ रुपये का लोन दिया जा चुका है। यह भी अवगत कराया गया कि कई इकाइयों द्वारा ऋण स्वीकृत होने के पश्चात भी लोन नहीं ले रही है। सभी बैंकर्स ने आश्वस्त किया कि निर्धारित तिथि तक सभी पात्र इकाइयों को लोन स्वीकृत कर दिया जायेगा। ऐसी इकाईयों की सूची उपलब्ध कराई जाए। उद्योग विभाग के माध्यम से उनका फालोअप कराकर ऋण वितरण कराया जायेगा।

इस योजना में निजी बैंकों को भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए- डॉ नवनीत सहगल

अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ नवनीत सहगल ने कहा कि जब भारत सरकार इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत लोन के सापेक्ष 100 फीसदी गारंटी उपलब्ध करा रही है। तब बैंकों को ऋण वितरण में संकोच नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस योजना में निजी बैंकों को भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। जब तक इकाइयों को समय से ऋण उपलब्ध नहीं हो पायेगा, तब तक योजना का मुख्य उद्देश्य पूरा नहीं होगा।

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डॉ नवनीत सहगल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम से प्रदेश की अधिक से अधिक एम0एस0एम0ई0 ईकाइयों को लाभान्वित किया जाए। आगामी 15 जुलाई तक समस्त पात्र ईकाइयों को ऋण स्वीकृति प्रदान कर दी जाए। ताकि 20 जुलाई तक मुख्यमंत्री जी के कर-कमलों से ऋण वितरण का कार्यक्रम सम्पन्न कराया जा सके। सहगल ने यह बात आज गोमती नगर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के जोन कार्यालय में आयोजित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की अध्यक्षता करते हुई कही।

प्रदेश सरकार द्वारा स्ट्रीट वेंडर्स को किया गया चिन्हित- डॉ सहगल

अपर मुख्य सचिव ने बैंकर्स को स्ट्रीट वेंडर्स के लिए घोषित योजना के संबंध में अवगत कराते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा भी प्रदेश के समस्त स्ट्रीट वेंडर्स को चिन्हित किया जा चुका है। ऐसी स्थिति में अभियान चलाकर समस्त पात्र वेंडर्स को ऋण दिया जाना चाहिए। डॉ सहगल ने कहा कि पिछले साल एमएसएमई ने लक्ष्य से ज्यादा उपलब्धि हासिल की है।

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एमएसएमई राज्य की इकनॉमी बढ़ाने के साथ ही लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराती है। इण्डस्ट्री से मिली फीड बैक के अनुसार बैंकों द्वारा लोन देने में ज्यादा कागजी कार्यवाही की जा रही है, इससे ऋण स्वीकृत होने में काफी विलम्ब हो रहा है। लगभग 30 प्रतिशत इकाइयां कैश क्रंच के कारण पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं कर पा रही हैं। इनको समय से मदद देना बैंकर्स की प्राथमिकता होनी चाहिए।

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