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कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव बोले- हालात सामान्य नहींं, JEE-NEET को रद्द करें सरकार

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने केन्द्र सरकार को चेतावनी दी कि वह छात्रों और राज्यों पर अपना तुगलकी एजेंडा थोपने से बाज आये और कोविड-19 के इस दौर में उनके ऊपर न थोपे।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 28 Aug 2020 9:11 PM IST
कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव बोले- हालात सामान्य नहींं, JEE-NEET को रद्द करें सरकार
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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने केन्द्र सरकार को चेतावनी दी कि वह छात्रों और राज्यों पर अपना तुगलकी एजेंडा थोपने से बाज आये ।

लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने केन्द्र सरकार को चेतावनी दी कि वह छात्रों और राज्यों पर अपना तुगलकी एजेंडा थोपने से बाज आये और कोविड-19 के इस दौर में उनके ऊपर न थोपें।

भाकपा राज्य सचिव डॉ गिरीश ने कहा कि आज भारत में कोविड संक्रमित मरीजों की प्रतिदिन संख्या विश्व में सबसे ज्यादा है। जब भारत में मुट्ठी भर मरीज थे तब सरकार ने सारे देश को तालाबन्दी में धकेल दिया था और अब जब यह संख्या बढ़ कर हालातों को भयावह बना रही है तब सरकार छम्म्ज् और श्रम्म् का आयोजन करा रही है।

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पूंजीपति- माफिया लॉबी के हितों में काम

सरकार अनलॉक के दौर में भी केवल अपनी पूंजीपति- माफिया लॉबी के हितों में काम कर रही है और आम जनता के हितों को कुचल रही है। वह शराब के ठेकों की तरह उन सभी चीजों में छूट दे रही है जो जनता के हितों पर चोट पहुंचा रहे हैं। विद्यालयों में प्राचार्यों और आचार्यों की तमाम जगहें खाली पड़ीं हैं। अन्य विभागों में भी तमाम रिक्तियाँ हैं। पर सरकार उनकी भर्ती परीक्षाओं को टाल रही है। रोजगार देने के वायदों और दावों से मुकर रही है।

पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन अब भी बंद

जहां तक कोविड काल में भर्ती परीक्षाओं में व्यवस्थाओं का सवाल है, हम इसे यूपी में बीएड प्रवेश परीक्षाओं के दौरान देख चुके हैं, जब इन परीक्षा केन्द्रों को अव्यवस्थाओं ने जकड़ लिया था और ट्रांसपोर्टेशन की अव्यवस्थाओं के चलते कई अभ्यर्थियों की मार्ग दुर्घटनाओं में मौत हो गयी थी। कोविड- प्रकोप के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के एक बड़े भाग में बाढ़ आयी हुयी है।

पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन अभी 30 प्रतिशत भी चलायमान नहीं है, होटलों और धर्मशालाओं पर ताले लटके हुये हैं, गरीब और मध्यवर्गीय अभ्यर्थी न तो निजी तौर पर आवागमन का खर्च वहन कर सकते हैं न ठहरने का। जबकि एक परीक्षा केन्द्र तक पहुँचने के लिये उन्हें 250 से 500 किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी।

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तालाबन्दी में कोचिंग कैसे

इन तबकों से जुड़े छात्र तालाबन्दी में कोचिंग लेना तो दूर किताबें तक नहीं खरीद सके हैं।वैसे भी शिक्षा समवर्ती सूची में आती है, अतएव केन्द्र सरकार राज्य सरकारों पर जेईई और नीट थोप नहीं सकती। छात्रहित में कई राज्य सरकारें इसका विरोध कर रही हैं और वे सर्वोच्च न्यायालय तक पहुँच रही हैं। केन्द्र को अपने अधिकारों को राज्यों पर थोपने से बाज आना चाहिये। भाकपा केन्द्र की माइकले युग में ले जाने वाली शिक्षा नीति का विरोध करती है।

भाकपा राज्य सचिव मंडल ने निर्णय किया कि जेईई और नीट की परीक्षा आयोजित करने के छात्र विरोधी- गरीब विरोधी निर्णय का हर संगठन द्वारा हर स्तर पर विरोध किया जायेगा। भाकपा की राय है कि इन प्रवेश परीक्षाओ को कुछ महीने टाला जा सकता है और शैक्षणिक सत्र को छोटा कर 6 माहों में समेटा जा सकता है, और प्रतिदिन 5- 6 घंटे पढ़ाई करा कोर्स पूरा किया जा सकता है।

रिपोर्टर: श्रीधर अग्निहोत्री



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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