×

यूपी में 600 करोड़ का घोटालाः IFS निहारिका सिंह पर केस दर्ज, ED ने लिया एक्शन

ठगी करने के लिए बनाई गई कंपनी के खिलाफ कई केस भी दर्ज किए गए। इसके बाद अब इस मामले में अजीत सिंह की पत्नी और आईएफएस निहारिका सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।

Newstrack
Published on: 20 March 2021 8:26 AM GMT
यूपी में 600 करोड़ का घोटालाः IFS निहारिका सिंह पर केस दर्ज, ED ने लिया एक्शन
X
लखनऊ: करोड़ों के फ्रॉड में IFS निहारिका सिंह पर केस दर्ज, ED ने कसा शिकंजा

लखनऊ: यूपी में लोगों को ज्यादा प्रॉफिट का लालच देकर ठगी का शिकार बनाया गया। ठगी कोई छोटी मोटी नहीं बल्कि करीब 600 करोड़ की हुई है। मामले जानकारी होते ही जांच शुरू कर दी गई। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा शिकंजा कसते ही इस फ्रॉड से पर्दे उठना शुरू हो गया। मामले में लखनऊ के रहने वाले अजीत सिंह मुख्य आरोपी निकले।

ये भी पढ़ें: रायबरेलीः एसिड अटैक पीड़िता की जीत, 2 साल बाद न्याय, आरोपी को मिली ये सजा

अजीत सिंह की गिरफ्तारी हो गई। साथ ही ठगी करने के लिए बनाई गई कंपनी के खिलाफ कई केस भी दर्ज किए गए। इसके बाद अब इस मामले में अजीत सिंह की पत्नी और आईएफएस निहारिका सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। दोनों लखनऊ के गोमती नगर इलाके में रहते हैं। बताया जा रहा है कि IFS निहारिका सिंह का पति बड़े नेताओं के साथ अपनी पत्नी की फोटो दिखाकर लोगों से ठगी करता था।

क्या है मामला ?

जानकारी के मुताबिक साल 2010 में अनी बुलियन नाम की कंपनी बनाई गई, जिसमें लोगों को ज्यादा प्रॉफिट का लालच देकर फंसाया गया। कंपनी में लोगों से करोड़ों रुपये का चूना लगा कर उन्हें ठगी का शिकार बनाया गया। कई राज्यों में पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर ईडी ने इस मामले में जांच शुरू की। केस में ईडी ने आरोप लगाया है कि मेसर्स एनी बुलियन इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और अन्य संबद्ध कंपनियों का गठन निवेशकों को धोखा देने के लिए किया गया था।

ये भी पढ़ें: लखनऊ पुलिस से भिड़ी युवती, दारोगा की कैप- ATM छीना, चालान कटने पर बवाल

कैसे हुआ फ्रॉड ?

लोगों को झांसा देकर मेसर्स अनी बुलियन ट्रेडर्स, अनी कमोडिटी ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड, आई विजन इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी में निवेश कराया गया। साथ ही लोगों को अच्छा रिटर्न देने का सपना दिखाया गया। निवेशकों को भरोसा हो सके, इसके लिए कंपनी की जमीन के नकली डॉक्युमेंट्स भी दिखाए गए। इसके बाद में न तो कंंपनी ने निवेशकों को प्लॉट दिए और न हीं उनकी रकम लौटाई। दबाव पड़ने पर निवेशकों को समझाने के लिए पोस्ट डेटेड चेक जारी किए गए, जो बैंक में जमा करने पर बाउंस हो गए। इस मामले की भनक लगते ही पुलिस ने जांच शुरू कर दी और एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हुए।

Newstrack

Newstrack

Next Story