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उपभोक्ता परिषद ने लगाया है आरोप, 14 जुलाई को सुनवाई में होगा फैसला
वर्मा ने कहा जब तक बिल्डरों द्वारा उपभोक्ताओ का उत्पीड़न बंद नहीं किया जाता सबको बिजली विभाग से संयोजन नहीं मिल जाता उपभोक्ता परिषद् चुप नहीं बैठेगा।
लखनऊ: उप्र. राज्य विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश में निजी क्षेत्र की पहली बिजली कंपनी नोयडा पावर कम्पनी(एनपीसीएल) के वॉइस चेयरमैन आपरेशन एस गांगुली को नोटिस देते हुए 14 जुलाई को तलब किया है। एनपीसीएल पर आरोप है कि कंपनी ने बिल्डरों से मिलकर बड़े पैमाने पर मल्टीस्टोरी इमारतों में नियमो के विपरीत जाते हुए बिना मानक के अनरूप भार का ट्रांसफार्मर लगवाये और बगैर इंफ्राटेक्टचर तैयार कराए ही सिंगल प्वाइंट का बिजली कनेक्शन बिल्डर को दे दिया और ये बिल्डर बड़े पैमाने पर फ्लैटों को अधिक लोड का कनेक्शन देकर ज्यादा फिक्स्ड चार्ज वसूल रहे हैं।
जब तक बिल्डरों द्वारा उपभोक्ताओ का उत्पीड़न बंद नहीं होगा, उपभोक्ता परिषद् चुप नहीं बैठेगा- अध्यक्ष अवधेश वर्मा
उप्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने यह जानकारी देते हुए शुक्रवार को बताया कि नियामक आयोग ने इसे विद्युत वितरण संहिता 2005 का उल्लंघन मानते हुए कहा है कि यह जिम्मेदारी एनपीसीएल की है कि उसने बिना बिल्डरों से पूरी कैपेसिटी का ट्रांसफार्मर लगवाये और मानक के तहत बिना इंफ्राटेक्टचर तैयार किए संयोजन क्यों जारी किया। इससे उपभोक्ताओ को आये दिन ब्रेक डाउन व विद्युत व्यवधान का सामना करना पड़ रहा है। वर्मा ने कहा जब तक बिल्डरों द्वारा उपभोक्ताओ का उत्पीड़न बंद नहीं किया जाता सबको बिजली विभाग से संयोजन नहीं मिल जाता उपभोक्ता परिषद् चुप नहीं बैठेगा।
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उपभोक्ता परिषद् की तरफ से संहिता 2005 के 13 वे संशोधन में 51 प्रतिशत की बाध्यता को खत्म करने अथवा काम करने के लिए जरूरी संशोधन का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को सौंप दिया गया है। जल्द ही उस पर आयोग द्वारा निर्णय लिए जाने की पूरी उम्मीद है। अभी अनेको जगह मल्टीस्टोरी में बिल्डर स्वयं या अपने गुर्गो के नाम ही ज्यादातर फ्लैटों पर कब्जा जमाए है। जिसके चलते जब कई उपभोक्ता एक साथ मिलकर बिजली विभाग से संयोजन के लिए अपंनी सहमति देना चाहते है तो यह बिल्डर इसका विरोध करते है।
उपभोक्ता परिषद ने की एनपीसीएल के लाइसेंस निरस्त करने की मांग
बता दें कि बीते बुधवार को उप्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नोयडा पावर कम्पनी लि. (एनपीसीएल) के खिलाफ 20 पन्नों की रिपोर्ट राज्य विद्युत नियामक आयोग को सौंपते हुए एनसीपीएल पर गंभीर अनियमिता का आरोप लगाया था। उपभोक्ता परिषद ने आनलाइन सुनवाई में नियामक आयोग से एनपीसीएल की वर्तमान लागू दर में 15 प्रतिशत की कमी और जल्द से जल्द उसका लाइसेंस निरस्त करने की मांग की थी।
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इस सुनवाई में ही उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने आयोग को बताया था कि एनपीसीएल बिल्डरों से सांठ-गांठ करके उन्हें कम भार पर मल्टीस्टोरी इमारतों में कनेक्शन दे देता है। फिर बिल्डर उपभोक्ताओं को ज्यादा भार पर कनेक्शन देकर लाभ कमाते हैं और वहां की जनता बे्रकडाउन में फंसी रहती है। सिंगल प्वाइंट के मामले में बिल्डरों के साथ एनपीसीएल मिला हुआ है और बिल्डर उपभोक्ताओं का लगातार उत्पीडन कर रहे हैं।