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पीएचडी चैंबर की हुई वर्चुअल मीटिंग, दिग्गजों ने की इस विषय पर चर्चा
पी एच डी चैम्बर के प्रधान निदेशक, डॉ रंजीत मेहता एवं अतुल श्रीवास्तव, रेजिडेंट डायरेक्टर ने इस सत्र का अच्छी तरह से संचालित किया।
लखनऊ: पीएचडी चेम्बर आफ कामर्स ने आज सूक्ष्म लघु एवं मध्यम के लिए ऋण की सुविधाएं मिलने पर एक वर्चुअल मीटिंग कर एमएसएमई को कार्यशील पूंजी तथा सप्लायर्स के बीच में संतुलन बनाने पर चर्चा की।
MSME को कार्यशील पूंजी तथा सप्लायर्स के बीच में संतुलन बनाना जरूरी
इस मौके पर चेयरमैन, उत्तर प्रदेश चैम्बर पी एच डी चैंबर मनोज गौड़ ने अपने संबोधन में सभी वक्ताओ का स्वागत करते हुए बताया कि कैसे एमएसएमई को कार्यशील पूंजी तथा सप्लायर्स के बीच में संतुलन बनाना जरूरी है। पी एच डी चैम्बर के फॉर्मर प्रेसिडेंट अनिल खेतान ने बताया कि अपना कैश फ्लो व्यवस्थित करना जरूरी है और ऋण प्राप्त करने में क्या-क्या समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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इस पर विस्तार से चर्चा की और इसका समाधान भी बताया। पी एच डी चैम्बर के सेक्रेटरी जनरल सौरभ सान्याल एवं एच पी कुमार, फॉर्मर चेयरमैन एडवाइजर, ने बताया कि पी एच डी चैम्बर अपने पी एच डी मेंटरिंग एवं गाइडेंस सेंटर के माध्यम से डैडम की कैसे मदद कर रहा है और इस गाइडेंस सेंटर के सभी विशेषज्ञों के बारे में बताया जो समस्याओं को सुलझाने में मार्गदर्शन कर रहे हैं।
पी एच डी चैंबर के 100 सदस्यों ने लिया भाग
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जनरल मेनेजर बैंक ऑफ बड़ौदा ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि कैसे इन सभी स्कीमों का लाभ ले सकते हैं और कैसे बैंक ऑफ बड़ौदा सभी क्षेत्रों के एमएसएमएस को मदद करने में तत्पर है और अंत में पी एच डी चैंबर को इस सत्र का आयोजित करने के लिए धन्यवाद किया। पी एच डी चैम्बर के प्रधान निदेशक, डॉ रंजीत मेहता एवं अतुल श्रीवास्तव, रेजिडेंट डायरेक्टर ने इस सत्र का अच्छी तरह से संचालित किया।
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को -चेयरमैन उत्तर प्रदेश पी एच डी चैग्बर गौरव प्रकाश ने इस सार्थक सत्र के लिए अपना बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद प्रस्ताव किया। वेबिनार में बहुत अच्छी तरह से बातचीत हुई और पी एच डी चैंबर के 100 सदस्यों ने भाग लिया।