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राम मंदिर निर्माण: आडवाणी का संकल्प..., इसी के बाद की थी रामरथ यात्रा
रथ यात्रा के लिए उस वक्त पार्टी के सबसे बड़े नेता रहे आडवाणी ने प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर को चुना। उन्होंने 25 सितंबर 1990 को सोमनाथ से इस यात्रा की शुरुआत की।
लखनऊ: आज जो अयोध्या में राममंदिर का शिलान्यास कार्यक्रम सम्पन्न हो रहा है उसके पीछे न जाने कितने संघर्ष शामिल हैं पर इसे राजनीतिक रूप देने का काम भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने गुजरात से लेकर अयोध्या तक चली रामरथ यात्रा से की थी। इस यात्रा के बाद से ही अयोध्या मुददा राजनीति के केन्द्र में आया और राममंदिर लगातार हर चुनाव में मुद्दा बनता रहा।
रथ यात्रा शुरू करने से पहले लिया मंदिर निर्माण का संकल्प
हालांकि यह यात्रा सोमनाथ तक नहीं पहुंच सकी और उसे बिहार के तत्कालीन जनता दल सरकार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की सरकार द्वारा उन्हें समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया गया। यात्रा शुरू करने से पहले लालकृष्ण आडवाणी ने राममंदिर निर्माण का प्रण लिया था। लेकिन उससे पहले 23 अक्टूबर को ही बिहार के समस्तीपुर में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के आदेश पर इसे रोक दिया गया और आडवाणी और प्रमोद महाजन को गिरफ्तार कर लिया गया था।
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रथ यात्रा पूरी न हो पाने के बावजूद इस मंदिर आंदोलन के लिए व्यापक जनसमर्थन हासिल किया था और राजनीतिक तौर बीजेपी और मजबूत हुई थी। इस रथ यात्रा के लिए उस वक्त पार्टी के सबसे बड़े नेता रहे आडवाणी ने प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर को चुना। उन्होंने 25 सितंबर 1990 को सोमनाथ से इस यात्रा की शुरुआत की। यात्रा शुरू करने से पहले सोमनाथ मंदिर में ही आडवाणी ने पूजा की और राम मंदिर निर्माण का संकल्प लिया।
राम मंदिर भारत का मजबूत और सामंजस्यपूर्ण राष्ट्र के रूप में प्रतिनिधित्व करेगा- आडवाणी
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वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने मंगलवार को कहा है कि राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान साल 1990 में नियति ने उन्हें सोमनाथ से अयोध्या तक राम रथ यात्रा के रूप में एक पवित्र जिम्मेदारी निभाने का मौका दिया था। उन्होंने कहा कि इस यात्रा ने इसमें शामिल हुए अनगिनत प्रतिभागियों की आकांक्षाओं, जुनून और ऊर्जा को शांत करने में मदद की थी। उन्होंने कहा, श्रीराम का भारत की सांस्कृतिक और सभ्यता की विरासत में अहम स्थान है और वह अनुग्रह, गरिमा और अलंकरण के प्रतीक हैं।
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वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, मेरा विश्वास है कि अयोध्या में बनने वाला यह राम मंदिर सभी भारतीयों को भगवान श्रीराम के गुणों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करेगा। आडवाणी ने कहा, यह भी मेरा विश्वास है कि राम मंदिर भारत का एक मजबूत, समृद्ध, शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण राष्ट्र के रूप में प्रतिनिधित्व करेगा। जहां सभी को न्याय मिल सकेगा और किसी को भी समाज और व्यवस्था से बाहर नहीं किया जाएगा। ताकि हम वास्तव में राम राज्य में सुशासन के प्रतीक बन सकें।