TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

अखिलेश का निशाना: आजमगढ़ से पूर्वी उत्तर प्रदेश की 170 सीटों पर, ये है वजह

उत्तर प्रदेश की राजनीति में पूर्वी उत्तर प्रदेश का चुनाव परिणाम खासा मायने रखता है। पिछली तीन सरकारों के दौरान इस इलाके में जिस दल को ज्यादा समर्थन मिला, उसी की सरकार यूपी में बन सकी है।

Shreya
Published on: 23 Jan 2021 3:46 PM IST
अखिलेश का निशाना: आजमगढ़ से पूर्वी उत्तर प्रदेश की 170 सीटों पर, ये है वजह
X
अखिलेश का निशाना: आजमगढ़ से पूर्वी उत्तर प्रदेश की 170 सीटों पर, ये है वजह

अखिलेश तिवारी

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आजमगढ़ से पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजनीति को साधने की कोशिश में हैं। प्रदेश की चुनावी राजनीति में पूर्वी उत्तर प्रदेश की 170 विधानसभा सीटों की खासी अहमियत है। यही वजह है कि सैफई से मध्य यूपी की राजनीति पर पकड़ बनाए रखने के साथ ही वह आजमगढ़ में अपना आशियाना तैयार करा रहे हैं। जिससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ भावनात्मक एवं राजनीतिक जुड़ाव का संदेश दिया जा सके।

पूर्वी उत्तर प्रदेश के हैं खास मायने

उत्तर प्रदेश की राजनीति में पूर्वी उत्तर प्रदेश का चुनाव परिणाम खासा मायने रखता है। पिछली तीन सरकारों के दौरान इस इलाके में जिस दल को ज्यादा समर्थन मिला, उसी की सरकार यूपी में बन सकी है। 2012 के विधानसभा चुनाव में इस इलाके में सपा-बसपा के बीच सीधी टक्कर रही लेकिन बाजी सपा के हाथ में लगी। 2017 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी का इस इलाके में लगभग सफाया हो गया और पूर्वी उत्तर प्रदेश की 170 में से भाजपा ने 130 सीटें हथिया लीं।

यह भी पढ़ें: लखनऊ में दुष्कर्म: बुजुर्ग ने 7 साल की मासूम को दिखाया चाकू, फिर की ऐसी हैवानियत

sp akhilesh yadav (फोटो- ट्विटर)

पिछली बार इस इलाके में मिली थीं केवल 20 सीटें

समाजवादी पार्टी को इस इलाके में पिछली बार केवल 20 सीटें ही मिल पाई हैं। इसके बावजूद जब 2019 में लोकसभा चुनाव हुए तो समाजवादी पार्टी को एक बार फिर पूर्वी उत्तर प्रदेश के मतदाताओं ने खासा समर्थन दिया। आजमगढ़ सीट से लगातार दूसरी बार सपा को जीत दिलाई। अखिलेश यादव को आजमगढ़ ने ही भाजपा की लहर होने के बावजूद संसद तक पहुंचा दिया। पिछले साल हुए विधानसभा उपचुनाव में भी समाजवादी पार्टी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश की सीटों पर भाजपा को कड़ी टक्कर दी और जौनपुर में अपनी एक सीट वापस हासिल कर ली है।

सपा ने विधानपरिषद चुनाव में बीजेपी को दी शिकस्त

विधानपरिषद चुनाव में भी सपा ने भाजपा को वाराणसी में शिकस्त दे दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी को पूर्वी उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का समर्थन हासिल हो रहा है लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश के मतदाता और कार्यकर्ता अपने को उस तरह से जुड़ा हुआ महसूस नहीं कर पा रहे हैं जिस तरह से इटावा, मैनपुरी, कन्नौज आदि जिलों का जुड़ाव है। सपा के एक नेता ने बताया कि पार्टी के कार्यक्रमों में भी इटावा व आस-पास के जिलों के कार्यकर्ता भारी पड़ते हैं। वह दूसरे जिलों के कार्यकर्ता पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने में कामयाब हो जाते हैं।

यह भी पढ़ें: शाहजहांपुर: गन्ना सेंटर चौकीदार की हत्या, 2 ट्रालियां लूटकर बदमाश हुए फरार

akhilesh yadav sp (फोटो- ट्विटर)

आजमगढ़ अखिलेश का नया केंद्र

पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजनीतिक केमिस्ट्री को समझकर ही अखिलेश यादव ने अब आजमगढ़ को अपना नया केंद्र बनाने का फैसला किया है। आजमगढ़ में उन्होंने अपना घर बनवाने के लिए जमीन भी खरीद ली है। बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले इस जमीन पर मकान का निर्माण शुरू हो जाएगा। इस आशियाने से पूर्वांचल की राजनीति को यह संदेश दिया जा सकेगा कि अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी भी उनकी अपनी है। भाजपा ने

क्योंकि पूर्वी उत्तर प्रदेश से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को दे रखा है। नए विधान परिषद सदस्य अरविंद शर्मा भी इसी इलाके से आते हैं ऐसे में आजमगढ़ में आशियाना बनाकर अखिलेश यादव भी भाजपा की राजनीति को चुनौती दे सकेंगे। सपा का मानना है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश की 170 सीटों पर समाजवादी पार्टी को या तो जीत मिली है अन्यथा व दूसरे-तीसरे नंबर की पार्टी है। अब देखना है कि अखिलेश यादव के आजमगढ़ दांव को पूर्वी उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का कितना समर्थन मिलता है और प्रदेश में क्या परिवर्तन का कारण बन पाएगा।

यह भी पढ़ें: लखनऊ में दर्दनाक हादसा: जल कर रख हो गए मासूम, चीखते-पुकारते रहे मां-बाप

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Shreya

Shreya

Next Story