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Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय ने समाजशास्त्र की परीक्षा में कहा उदाहरण देते हुए नारियों के विरुद्ध निबंध लिखो
Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय में इस समय मास्टर डिग्री की परीक्षा चल रही है। जिसमें प्रश्नपत्र सोशियोलॉजी ऑफ जेंडर में ऐसा सवाल पूछा गया जिसे देखकर छात्र भी चकरा गए। इस प्रश्नपत्र में कई अन्य गलतियां परीक्षा के दौरान छात्रों को परेशान करती रही।
Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय में इस समय मास्टर डिग्री की परीक्षा चल रही है। जिसमें प्रश्नपत्र सोशियोलॉजी ऑफ जेंडर में ऐसा सवाल पूछा गया जिसे देखकर छात्र भी चकरा गए। "कुछ तत्कालीन उदाहरणों का उल्लेख करते हुए भारत में नारियों के विरुद्ध एक निबंध लिखिए" यह प्रश्न मंगलवार को हुए एमए तीसरे सेमेस्टर के चौथे प्रश्नपत्र के सोशियोलॉजी ऑफ जेंडर के पेपर में प्रश्न नंबर सात पर था। इस प्रश्नपत्र में कई अन्य गलतियां परीक्षा के दौरान छात्रों को परेशान करती रही।
प्रश्नपत्र में 10 से ज्यादा थी गलतियां
लखनऊ विश्वविद्यालय के इस प्रश्नपत्र में 10 से ज्यादा गलतियां थीं। समाजशास्त्र के प्रश्नपत्र के पहले ही सवाल में जेंडर एक सामाजिक और सांस्कृतिक निर्माण है, के स्थान पर जेंडर एवं सामाजिक सांस्कृतिक निर्माण लिखा था। इसके साथ ही लगभग हर सवाल में कोई न कोई व्याकरण संबंधी गलती थी। इस प्रश्नपत्र में व्याख्या करने को विवेचना करने और नारीवाद को नारीयता लिखा गया था। इस पूरे प्रश्नपत्र में व्याकरण संबंधी गलतियां भरी पड़ी थीं। जबकि अंग्रेजी वाले भाग में गलतियां थोड़ी कम थी। जबकि क्लास में ज्यादातर बच्चें हिंदी माध्यम से ही परीक्षा दे रहे थे।
छपने के बाद दोबारा नहीं देखे जाते पेपर
लखनऊ विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो डीआर साहू ने बातचीत में बताया कि प्रश्नपत्र के अंग्रेजी वाले भाग में कोई गलती नहीं थी। हिंदी भाग में कुछ गलतियां थीं। कई बार ऐसा हो जाता है। प्रश्नपत्र छपने के बाद दोबारा नहीं देखे जाते और इस प्रकार गलतियां हो जाती हैं। इस बारे में कोई ठोस व्यवस्था बनाने की जरूरत है। अभी तक इस के लिए विश्वविधालय में कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। आपको बता दें कि क्लास में ज्यादातर बच्चें हिंदी माध्यम के है। इसके अलावा भी परीक्षा के दौरान जो पश्नपत्र छात्रों को 2 बजे मिलना था वो शाम 4 बजे मिला जिस कारण देर रात तक परीक्षा चलती रही।