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लखनऊ विश्वविद्यालय बीसीए कोर्स में नई शिक्षा नीति लागू, ये होंगी सुविधा
Lucknow Unversity: प्रोफेसर ए.के सिंह ने बताया कि एनईपी व्यावहारिक शिक्षा की आवश्यकता पर जोर देती है, जिसके तहत संकाय के शिक्षको द्वारा बीसीए पाठ्यक्रम ऐसे विकसित किए गए हैं, जिससे छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान का अनुभव मिले और वह वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो।
Lucknow Unversity: लखनऊ विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय में संचालित बीसीए कोर्स अब सत्र 2023-24 से नई शिक्षा नीति के तहत संचालित होगा| एलयू के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय एनईपी 2020 को अपनाने वाला भारत का पहला विश्वविद्यालय है। भारतीय शिक्षा प्रणाली ने सैद्धांतिक और शैक्षणिक शिक्षा पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित किया, जिसका वास्तविक दुनिया के कार्यस्थलों में सीमित उपयोग था। नई शिक्षा नीति के तहत, भारत में शिक्षा का ध्यान प्रैक्टिकल बेस्ड एजुकेशन पर केंद्रित किया जा सकेगा, जो छात्रों को रोजगार के लिए तैयार कौशल सिखाने की क्षमता में निहित होगा ।
अभियांत्रिकी संकाय के डीन प्रोफेसर ए.के सिंह ने बताया कि एनईपी व्यावहारिक शिक्षा की आवश्यकता पर जोर देती है, जिसके तहत संकाय के शिक्षको द्वारा बीसीए पाठ्यक्रम ऐसे विकसित किए गए हैं, जिससे छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान का अनुभव मिले और वह वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो। इससे छात्रों को व्यावहारिक कौशल विकसित करने और रोजगार के लिए तैयार होने में सहायता मिलेगी।
मिलेगी मल्टीपल एंट्री एंड एग्जिट की सुविधा
- अगर छात्र बीसीए के प्रथम वर्ष पूर्ण होने पर कोर्स छोड़ना चाहे तो उसे प्रथम वर्ष में कंप्यूटर एप्लीकेशन में सर्टिफिकेट मिलेगा|
- बीसीए द्वितीय वर्ष पूर्ण होने पर अगर छात्र कोर्स छोड़ता है तो उसे कंप्यूटर एप्लीकेशन में डिप्लोमा मिलेगा|
- बीसीए तृतीय वर्ष पूर्ण होने पर छात्र को बीसीए डिग्री से सम्मानित किया जाएगा|
- बीसीए तृतीय वर्ष में 7.5 से अधिक सीजीपीए वाले छात्रों को
- बीसीए बाय रिसर्च डिग्री, चतुर्थ वर्ष के लिए ऑफर की जाएगी।
नये सत्र से एमटेक की दो अन्य विधाओं की शुरुआत
डीन अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय प्रो ए के सिंह ने बताया कि सत्र 2023-24 से "कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस)" और "कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (साइबर सुरक्षा)" में मास्टर इन टेक्नोलॉजी(एम.टेक) कार्यक्रमों की शुरुआत की जाएगी। प्रत्येक कार्यक्रम में 20 सीट होंगी। यह एक छह सेमेस्टर पार्ट टाइम कार्यक्रम होगा।
विगत वर्षों में लखनऊ विश्वविद्यालय ने शैक्षिक, शोध, नवाचार और रोजगार उपलब्ध कराने में बहुत तेजी से विकास किया है, जिसके तहत विश्वविद्यालय के सभी प्रोग्राम्स/पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के लिए भारत ही नहीं अपितु विदेशी छात्रों की मांग और संख्या बढ़ी है।
"कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस)" के पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए मांग अधिक होने से दाखिला संख्या को शैक्षणिक सत्र 2023-24 से 60 सीट से 120 सीट किया जायेगा।