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Delhi Ordinance: नीतीश के बाद केजरीवाल को मिला अखिलेश का समर्थन, कहा- दिल्ली का अध्यादेश जनादेश की हत्या है

Delhi Ordinance: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, "दिल्ली का अध्यादेश न्यायपालिका का अपमान है। ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का परिणाम है और लोकतांत्रिक-अन्याय का भी। भाजपा जानती है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटों पर उसकी करारी हार होगी, इसीलिए जनता से पहले से ही बदला ले रही है।

Hariom Dwivedi
Published on: 21 May 2023 4:59 PM GMT (Updated on: 21 May 2023 5:09 PM GMT)
Delhi Ordinance: नीतीश के बाद केजरीवाल को मिला अखिलेश का समर्थन, कहा- दिल्ली का अध्यादेश जनादेश की हत्या है
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बिहार के बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की।

Delhi Ordinance: दिल्ली के अध्यादेश पर सियासी घमासान छिड़ गया है। आम आदमी पार्टी इसे न्यायालय का अपमान बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। अध्यादेश के खिलाफ वह गैरभाजपा दलों के नेताओं से मिलकर समर्थन जुटा रहे हैं। विपक्षी दल इस मामले को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर हमलावर हैं। अब इस फेहरिस्त में एक और नाम जुड़ गया है समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का। रविवार को उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि अध्यादेश के नाम पर ये जनादेश की हत्या है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, "दिल्ली का अध्यादेश न्यायपालिका का अपमान है। ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का परिणाम है और लोकतांत्रिक-अन्याय का भी। भाजपा जानती है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटों पर उसकी करारी हार होगी, इसीलिए जनता से पहले से ही बदला ले रही है। अध्यादेश के नाम पर ये जनादेश की हत्या है।

केजरीवाल को नीतीश का भी मिला समर्थन

बिहार के बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की और अध्यादेश के मुद्दे पर उन्हें समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि "एक निर्वाचित सरकार को दी गई शक्तियों को कैसे छीना जा सकता है? यह संविधान के खिलाफ है। हम अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े हैं।" इस दौरान उन्होंने भविष्य में विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की बात भी कही। वहीं, तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी गैर-बीजेपी सरकारों को परेशान कर रही है। हम ऐसा नहीं होने देंगे।

अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटा रहे केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह हर गैर बीजेपी शासित राज्यों में और विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में जाएंगे और हर विपक्षी दल के प्रमुख से मिलकर इस अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाएंगे। इस कड़ी में वह उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मिलेंगे। 23 मई को कोलकाता में वह ममता बनर्जी से, मुंबई में 24 मई को उद्धव ठाकरे से और 25 मई को शरद पवार से भी मुलाकात करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और तमिलनाडु के नेता स्टालिन से भी मिलेंगे। सूत्रों की मानें तो बीजेपी को बैकफुट पर धकेलने के लिए कांग्रेस भी केजरीवाल का समर्थन कर सकती है।

तो क्या एकजुट हो पाएगा विपक्ष?

लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल एकजुट होंगे? यह सवाल का सही-सही जवाब दे पाना उतना ही कठिन है जितना की एक तराजू में मेंढकों का तोलना। कमोबेश सभी विपक्षी पार्टियां बीजेपी को हराना चाहती हैं। इसके लिए सभी विपक्षी एका की वकालत भी करते हैं लेकिन जैसे ही अगुआई की बात होती है तो कई नाम सामने आ जाते हैं, या फिर कोई हाथ खींच लेता है। फिलहाल, नीतीश कुमार जोर-शोर से इस मुहिम को अंजाम देने में जुटे हैं अब तक वह कई नेताओं से मिल चुके हैं और कइयों से मिलने का शेड्यूल है। वहीं, ममता बनर्जी भी खुद को सबसे आगे मानती हैं। कांग्रेस शायद ही किसी दूसरे के नाम पर सहमत हो। फिलहाल, राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं होता, इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

Hariom Dwivedi

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