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UP News: यूपी में अब तक 351 भ्रष्ट अफसरों पर हुई कार्रवाई, IAS अमित मोहन सहित 5 अफसरों के खिलाफ जांच शुरू

UP News: एसएसआईटी की डीजी रेणुका मिश्रा ने बताया कि विभाग ने पिछले पांच वर्षों में यूपी में अब तक 351 दोषी अफसरों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है वहीं,गुरुवार को भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद सहित पांच अफसरों के खिलाफ लोकायुक्त ने जांच के आदेश दे दिये हैं।

Hariom Dwivedi
Published on: 19 May 2023 9:42 AM GMT (Updated on: 19 May 2023 9:46 AM GMT)
UP News: यूपी में अब तक 351 भ्रष्ट अफसरों पर हुई कार्रवाई, IAS अमित मोहन सहित 5 अफसरों के खिलाफ जांच शुरू
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फाइल फोटो- अपर मुख्य सचिव एमएसएमई अमित मोहन प्रसाद (साभार- सोशल मीडिया)

UP News: भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की वादा करके सत्ता में आई योगी आदित्यनाथ सरकार का दोषियों पर एक्शन जारी है। यूपी में अब तक भ्रष्टाचार में घिरे 351 दोषी अफसरों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है, जबकि 1002 दोषियों को सजा सुनाई गई है। इनमें विश्वविद्यालयों में फर्जी डिग्री मार्कशीट, सरकारी विभागों में भर्ती घोटाला, राजस्व की चोरी, छात्रवृत्ति में अनियमितता आदि बड़े मामले शामिल हैं। इन मामलों में 1203 करोड़ रुपए के राजस्व की क्षति भी रोकी गई है। एसएसआईटी की डीजी रेणुका मिश्रा ने बताया कि विभाग ने पिछले पांच वर्षों में दोगुनी रफ्तार से मामलों की जांच और विवेचना की गई। उधर, गुरुवार को यूपी के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद सहित पांच अफसरों के खिलाफ लोकायुक्त ने जांच शुरू करने के आदेश दे दिये हैं।

आईएएस अफसर अमित मोहन प्रसाद और यादव समेत पांच लोगों के खिलाफ लोकायुक्त ने जांच शुरू कर दी है। इन पर चहेती कंपनियों व फर्मों को काम देने का आरोप है। शुरुआती जांच में गड़बड़ियों के साक्ष्य मिले हैं। आरोपितों में अपर मुख्य सचिव एमएसएमई अमित मोहन प्रसाद, सचिव एमएसएमई प्रांजल यादव, संयुक्त सचिव प्राणेश चंद्र शुक्ला, अपर निदेशक विद्युत महानिदेशालय डीके सिंह और चिकित्सा विभाग के अनुभाग अधिकारी चंदन कुमार रावत हैं। सभी से जल्द पूछताछ भी होगी।

क्या है शिकायत में?

लोकायुक्त संगठन के सचिव अनिल कुमार सिंह ने बताया कि लखनऊ निवासी महेश चन्द्र श्रीवास्तव ने दो वर्ष पूर्व लोकायुक्त संगठन में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद व तत्कालीन विशेष सचिव प्रांजल यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि इन पांचों अफसरों ने मिलीभगत करके यूपी राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड में अग्निशमन के काम की निविदा प्रकाशित की। इससे इन लोगों ने अनुचित लाभ उठाया। उन्होंने बताया कि लोकायुक्त की शुरुआती जांच में गड़बड़ियों के साक्ष्य मिले हैं। मामले की विस्तार से जांच की जाएगी। साथ ही आरोपित अफसरों से पूछताछ भी की जाएगी।

शिकायतकर्ता ने ये भी आरोप लगाये

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड को सीएचसी निर्माण के लिए सिलेक्ट किया गया था। इसमें अग्निशमन व्यवस्था का कार्य कराना भी शामिल था। आरोपी लोकसेवकों ने ऐसी कंपनियों को काम दिया जो अग्निशमन के कार्य में दक्ष नहीं थी। साथ ही कहा कि विभाग में कई वर्षों से मुख्य अभियंता, विद्युत का पद रिक्त होने के बावजूद संबंधित विभाग ने विद्युत कार्यों के लिए निविदा प्रकाशित की।

पीएम-सीएम को पत्र भेजकर की शिकायत

शिकायतकर्ता ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद पर कोरोना महामारी के दौरान भुगतान अटकाने सहित कई अन्य आरोप भी लगाये। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी भेजे, जिसमें कहा गया अपर मुख्य सचिव अपने करीबियों को फायदा पहुंचाने के लिए बाकी कंपनियों को नुकसान पहुंचा रहे थे। पीएम-सीएम को भेजे पत्र में शिकायतकर्ता ने कहा है कि अमित मोहन ने गोरखपुर, गोंडा, प्रयागराज और बलिया के जिला चिकित्सालयों में सेंट्रल गैस पाइपलाइन की स्थापना और पांच वर्षों तक के अनुरक्षण के कार्य का भुगतान भी रोक दिया। इसके अलावा लखनऊ सहित विभिन्न अस्पतलाओं व सीएचसी में भी अग्निशमन के काम का भुगतान नहीं किया गया है।

Hariom Dwivedi

Hariom Dwivedi

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