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Lucknow University की रैंकिंग में सुधार, अब एशिया के शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों में सुमार, यूपी में शीर्ष रैंक
Lucknow University: एलयू 2021 में देश में 57वें स्थान से 2022 में 29वें और 2023 में 28वें स्थान पर आने के बाद इसमें लगातार सुधार हो रहा है। लखनऊ विश्वविद्यालय के 2021 में एशिया रैंक 1098 से 2022 में 596 और 2023 में शीर्ष 500 (रैंक 463) इस प्रकार 2021 के बाद से लगातार रैंकिंग में सुधार देखने को मिला।
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय नें लंबी छलांग लगाते हुए विश्व के टॉप 500 विश्वविद्यालयों में से 463वीं रैंक हासिल की है। यह रैंक 18 मई को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय व्यापक रैंकिंग, EduRank 2023 द्वारा जारी की गई। लखनऊ विश्वविद्यालय के लिए यह एक बड़ी उपलब्धी है। बता दें कि लविवि उत्तर प्रदेश में शीर्ष रैंक वाला राज्य विश्वविद्यालय है। यह राज्य में चौथे, देश में 29वें और एशिया में शीर्ष 500 में शुमार है।
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2021 के बाद लगातार सुधार
एलयू 2021 में देश में 57वें स्थान से 2022 में 29वें और 2023 में 28वें स्थान पर आने के बाद इसमें लगातार सुधार हो रहा है। लखनऊ विश्वविद्यालय के 2021 में एशिया रैंक 1098 से 2022 में 596 और 2023 में शीर्ष 500 (रैंक 463) इस प्रकार 2021 के बाद से लगातार रैंकिंग में सुधार देखने को मिला।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन रैंकिंग में विश्वविद्यालय की अनुसंधान गुणवत्ता का अधिक प्रभाव दिखाई दे रहा है। जूलॉजी (रैंक 3), कम्प्यूटेशनल केमिस्ट्री (रैंक 6) और एस्ट्रोबायोलॉजी (रैंक 10) के अनुसंधान क्षेत्रों में लखनऊ विस्वविद्यालय देश में शीर्ष 10 में शामिल हैं। वैश्विक स्तर पर शीर्ष 500 में लखनऊ विश्वविद्यालय सात शोध क्षेत्रों में शामिल हैं। कम्प्यूटेशनल केमिस्ट्री 258, हॉर्टिकल्चर 279, फिजिकल केमिस्ट्री 381, टॉक्सिकोलॉजी 406, बायोलॉजी 438, बॉटनी 478 और पेलियोन्टोलॉजी 498 स्थान। विवि के 54 पूर्व छात्रों को वैश्विक प्रभाव वाला पाया गया।
246 शोध विषयों में वैज्ञानिक प्रकाशनों और उद्धरणों पर आधारित
EduRank 183 देशों के 14,131 विश्वविद्यालयों की एक स्वतंत्र मीट्रिक-आधारित रैंकिंग है। रैंकिंग मुख्य रूप से 246 शोध विषयों में वैज्ञानिक प्रकाशनों और उद्धरणों पर आधारित है। गणना में गैर-शैक्षणिक प्रमुखता और पूर्व छात्रों की लोकप्रियता संकेतक भी शामिल किया गया हैं।
इस उपलब्धी में वीसी की अहम भूमिका
विवि की इस उपलब्धी में वीसी आलोक कुमार राय की अहम भूमिका है। वीसी द्वारा शुरू किए गए बूस्ट कार्यक्रम को अनुसंधान को काफी बढ़ावा मिला। विवि के प्रवक्ता नें बताया कि विश्वविद्यालय और राज्य के अनुकूल और सहायक शैक्षणिक माहौल के कारण ही संभव हो पाई है। इसके अतिरिक्त राज्य के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में सुधार पर राज्यपाल के निरंतर जोर ने भी बहुत आवश्यक प्रोत्साहन दिया है।