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Lucknow News: महापौर को आईसीयू में जूता पहनकर जाने से रोका तो अस्पताल पर आ धमका नगर निगम का बुलडोजर
Lucknow News: बिजनौर इलाके के विनायक हॉस्पिटल में भर्ती नगर निगम कर्मचारी को देखने गई थीं महापौर।
Lucknow News: राजधानी के बिजनौर इलाके में सीआरपीएफ कैंप चैराहे पर स्थित विनायक मेडिकेयर हॉस्पिटल में भर्ती नगर निगम कर्मचारी का सोमवार को हालचाल लेने पहुंचीं महापौर व उनके सहयोगियों की अस्पताल कर्मियों से विवाद हो गया। आरोप है कि महापौर के साथ गई पूरी टीम जूते पहने हुए धड़धड़ाते हुए हाॅस्पिटल के आईसीयू वार्ड में प्रवेश कर गई। जिस पर वहां मौजूद डाक्टरों और कर्मचारियों ने टोक दिया। वहीं विवाद के बाद देर शाम अस्पताल पर नगर निगम का अतिक्रमण दस्ता बुलडोजर सहित पहुंच गया। दस्ते ने अस्पताल के बाहरी हिस्से में लगे पोस्टर फाड़ दिए। हाॅस्पिटल में हंगामा शुरू हो गया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह मामले को शांत कराया।
बता दें पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में नगर निगम के प्रवर्तन दस्ते से जुड़े सेना से सेवानिवृत्त एक वरिष्ठ कर्मचारी भर्ती हैं। उनका आईसीयू में इलाज चल रहा है। रविवार को नगर आयुक्त उन्हें देखने गये थे। सोमवार शाम महापौर सुषमा खर्कवाल भी अपनी टीम के साथ अस्पताल पहुंचीं। महापौर के साथ सभी सहयोगी आईसीयू में घुस गए। इंफेक्शन की आशंका को देखते हुए अस्पताल के चिकित्सकों व कर्मचारियों ने महापौर व उनके साथियों को जूता उतारकर प्रवेश करने को कहा। इसी बात को लेकर विवाद हो गया और नोकझोंक हुई। इसके बाद महापौर अस्पताल कर्मियों पर अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए नाराज हो गईं। विवाद बढ़ने के बाद कुछ देर में वहां नगर निगम का अतिक्रमण विरोधी दस्ता बुलडोजर के साथ पहुंच गया।
दस्ते ने बैनर पोस्टर फाड़े-
अस्पताल पहुंचे नगर निगम के दस्ते ने पोस्टर बैनर फाड़ने शुरू किये। इस पर अस्पताल कर्मचारियों ने विरोध शुरू किया। प्रभारी निरीक्षक बिजनौर अरविंद राणा के मुताबिक किसी तरह मामले को शांत कराया गया। मामला बिगड़ता देख महापौर वहां से चली गईं। प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक दस्ते के प्रभारी द्वारा चिह्नांकन किये गये अतिक्रमण को एक दो दिन में गिराया जाएगा।
वहीं अस्पताल संचालक मुद्रिका सिंह के अनुसार अस्पताल कर्मचारियों ने आईसीयू वार्ड में जाने से रोका था। हालांकि महापौर पक्ष के कार्यकर्ताओं का कहना है कि आईसीयू में महापौर व भर्ती सेवानिवृत्त सैन्य कर्मी के बेटे के अलावा कोई नहीं गया था। बाकी लोग बाहर रुके थे और अस्पताल के स्टाफ ने उनसे अभद्रता की। इसी पर महापौर ने नाराजगी जताई। महापौर का फोन नहीं उठा।