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Most Costly Saree: इस साड़ी के दाम सुन उड़ जायेगे आपके होश, जानिए कहा बिकी यह बेहद खूबसूरत साड़ी
Most Costly Chikankari Saree: लखनवी चिकनकारी एक प्रमुख टेक्सटाइल कला है जो नवाबो के शहर लखनऊ से जुड़ी हुई है। लखनऊ की प्रसिद्द चिकनकारी की साड़ी महिलाओं के बीच बेहद चर्चा में है जो दुबई में 21 लाख रुपये में बिकी है।
Most Costly Chikankari Saree: लखनवी चिकनकारी एक प्रमुख टेक्सटाइल कला है जो नवाबो के शहर लखनऊ से जुड़ी हुई है। इस कला में कारीगर पारम्परिक ढंग से भारतीय पोशाक बनाते है। यहअपनी खूबसूरत नक्काशी और कठिनाइयों के लिए मशहूर है। चिकनकारी उत्पादन में शामिल वस्त्र शानदार साड़ी, कुर्ता, कुर्ती, टॉप, स्कर्ट, डुपट्टा, और शेरवानी शामिल होती हैं। लखनवी चिकनकारी की पहचान उसके टेक्सचर और नक्काशी से होती है। यह शानदार मशहूर नक्काशी की वजह से जानी जाती है, जिसे 'चिकन' कहा जाता है। यह नक्काशी मुख्य रूप से मशरूम या डायमंड आकृति की जालीदार नक्काशी होती है, जिसमें रेज़ा, फ़ील और खाका नक्काशी का उपयोग होता है। चिकनकारी वस्त्रों पर मुख्य रूप से मुलमुल, कॉटन, चिफ़ॉन, जॉर्जेट, और मैल कॉटन का उपयोग किया जाता है। नक्काशी के लिए साधारणतः सफेद रंग की धागाएं प्रयोग की जाती हैं, लेकिन अब अन्य रंगों का भी उपयोग होता है।
राजधानी लखनऊ में इन दिनों महिलाओं के बीच एक मुख्य आकर्षण का केंद्र और चर्चा का विषय बानी हुई है चिकनकारी की साड़ी। इस साड़ी की खूबसूरत और दिल लुभाने वाली कारीगरी देखकर और दाम सुनकर सभी आश्चर्यचकित हो जाएगे। यह सभी चिकनकारी के कपड़ो और डिज़ाइन के बीच सबसे खूबसूरत और चर्चित साड़ी है। आइये जानते है इस साड़ी की खूबसूरती और दाम का राज़।
दुबई में बिकी चिकनकारी की सबसे महँगी साड़ी
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इस बेहद खूबसूरत और महँगी साड़ी के खरीदार लखनऊ या भारत में नहीं है बल्कि इस साड़ी को दुबई में 21 लाख रुपये में खरीदा गया है। इस साड़ी की इतनीअधिक कीमत इसकी डिज़ाइन, इस्तेमाल हुए धागे, कढ़ाई, बॉर्डर के कारण है। चिकनकारी व्यवसाय में जाना-माना नाम विनोद पंजाबी और उनके मैनेजर हैदर अली की 2 वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद बनकर तैयार हुई है।
क्या है इस साड़ी की सुंदरता का राज़?
यह मन को भाने और आंको को छूने वाली साड़ी को अपनी कला में निपुण विशेष कारीगरों द्वारा 15 टांको से पूरे 2 वर्षों में तैयार किया गया है। इस साड़ी को चिकनकारी के समाप्त या ख़त्म हो रेक टांको को ख़त्म होने से बचाने के लिए बनाया गया है। यह साड़ी इतनी खूबसूरत है की इसको खरीदने के बाद तुरंत ही दूसरी महिला ने इस साड़ी की बुकिंग कर दी है। इस ख़ास साड़ी में चारो ओर क्रिस्टल नग जड़े हुए है। अनोखे चिकनकारी के टाके जो लगभग ख़त्म से हो गए है उनका इस्तेमाल कर इस साड़ी को बनाया गया है। चिकनकारी के विभिन्न प्रकार के ताको की नयी पीड़ी को काम समझ होने से इस सदी की कीमत अधिक है ओर इसे बनाने में अधिक समय लगने से भी इसकी कीमत तय हुई है। इस साड़ी को केवल एक ही कारीगर द्वारा लम्बे समय में बनाया गया है।
नन्स द्वारा तैयार होती यह ख़ास साड़ी
यह ख़ास साड़ी रांची की नन्स ओर महिला कारीगरों द्वारा बनायीं जाती है। पेटेंट पॉइंट एक लुप्त हो रही चिकनकारी की कढ़ाई से यह खूबसूरत साड़ी लम्बी मेहनत के बाद बनाई जाती है। इस साड़ी के बॉर्डर मात्र की कीमत लाखों में है तो साड़ी का इतना महंगा होना लाज़मी है।