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Lucknow News:यूपी का पहला मामला किराये की कोख के लिए लखनऊ में पहला आवेदन, सीएमओ ने दिखाई हरी झंडी

Lucknow News: किराये की कोख के लिए डॉक्टर के आवेदन पर सीएमओ की कमेटी ने दिखाई हरी झंडी। इस तरह के आवेदन का प्रदेश का प्रथम मामला है।

Vertika Sonakia
Published on: 17 May 2023 1:03 AM IST
Lucknow News:यूपी का पहला मामला किराये की कोख के लिए लखनऊ में पहला आवेदन, सीएमओ ने दिखाई हरी झंडी
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सरोगेसी को मिली मान्यता (फ़ोटो: सोशल मीडिया)

Lucknow News: किराये की कोख के लिए राजधानी के एक डॉक्टर ने आवेदन किया है। सीएमओ की कमेटी ने जांच पड़ताल के बाद इसको हरी झंडी दिखा दी है। लेकिन इस पर अंतिम मुहर डीएम द्वारा लगाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दावा किया कि सेरोगेसी अधिनियम 2021 लागू होने के बाद किराये की कोख का आवेदन आपका प्रदेश में पहला मामला सामने आया है।

चिकित्सा संस्थान के डॉक्टर द्वारा किराये की कोख के लिए किया गया आवेदन

एक प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान के डॉक्टर द्वारा किराये की कोख के लिए आवेदन किया गया है। इसमें डॉक्टर ने कहा है कि उनकी पत्नी गर्भधारण नहीं कर सकती है। नए नियम के अनुसार डीएम की की बैठक के बाद ही आवेदन प्रक्रिया पूरी होगी। अब सभी आईवीएफ सेंटर पर सरोगेसी अधिनियम-2021 लागू किया जा चुका है। पहले इन केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग का कोई खास दखल नहीं रहता था। ऐसे में ये मनमानी करते थे। शहर में 25 से अधिक आईवीएफ सेंटर हैं।

आवेदक को करना होगा नियमों का पालन

  • किराये की कोख के लिए रजामंदी देने वाली महिला का आवेदक का एक परिवारजन होना आवश्यक है।
  • सरोगेट माँ की उम्र कम से कम 25 वर्ष और साथ ही उसका एक बच्चा पहले से होना आवश्यक है।
  • सरोगेट माँ की रिश्तेदार महिला भी विवाहित होनी चाहिए।

क्यों है सेरोगेसी के लिए नियम आवश्यक

सेरोगेसी करवाने के लिए नियम आवश्यक इसलिए है क्योंकि लोग चोरी छिपे किराये की कोख लेने के मामलो में बच्चे के कानूनी हक को लेकर पहले के समय में समस्याएं खड़ी होती थी। कानून के तहत किराये की कोख में जन्मे बच्चे को उसकी अपनाने वाले माता पिता के सारे अधिकार और रीती रिवाज मिलते थे।

आवेदन से पहले लेना होगा प्रमाण पत्र

किराये की कोख के लिए आवेदन से पहले माँ नहीं बन पा रही महिला को जिला स्तर पर बने मेडिकल बोर्ड से प्रमाणपत्र लेना होगा। डॉक्टर की टीम जांच के बाद यह तय करती है कि औरत माँ बनने लायक है या नहीं।

सेरोगेसी अधिनियम 2021

  • सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 के अनुसार, महिला जो 35 से 45 वर्ष की आयु के बीच विधवा या तलाकशुदा है या कानूनी रूप से विवाहित महिला और पुरुष के रूप में परिभाषित युगल सरोगेसी का लाभ उठा सकते है
  • इसमेंवाणिज्यिक सरोगेसी पर भी प्रतिबंध है, जो 10 साल की जेल और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने से दंडनीय है।
  • कानून केवलपरोपकारी सरोगेसी की अनुमति देता है जहाँ कोई पैसे का आदान-प्रदान नहीं होता है, साथ ही सरोगेट मांँ आनुवंशिक रूप से बच्चे की तलाश करने वालों से संबंधित होनी चाहिये।



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