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माफिया अतीक अहमद ने गांधी परिवार को भी नहीं बख्शा,रिश्तेदार की जमीन पर कर लिया था कब्जा, सोनिया के दखल पर सुलझा था मामला
Atiq Ahmed: माफिया अतीक अहमद पर जमीनों पर कब्जा करने का फितूर इस कदर हावी था कि उसने देश के प्रतिष्ठित गांधी परिवार को भी नहीं बख्शा था। अतीक अहमद ने सोनिया गांधी की करीबी रिश्तेदार वीरा गांधी की जमीन पर भी कब्जा कर लिया था।
Atiq Ahmed: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में हुई हत्या के बाद रोज अतीक के एक से बढ़कर एक कारनामों के खुलासे हो रहे हैं। अब कई ऐसे लोग सामने आए हैं जिनके मुताबिक माफिया अतीक अहमद ने उनकी जमीनों और मकानों पर गुंडई के बल पर जबरन कब्जा कर लिया था। अतीक के जमीनों पर कब्जा करने के खेल में एक सनसनीखेज खुलासा भी हुआ है।
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एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक अतीक अहमद पर जमीनों पर कब्जा करने का फितूर इस कदर हावी था कि उसने देश के प्रतिष्ठित गांधी परिवार को भी नहीं बख्शा था। अतीक अहमद ने सोनिया गांधी की करीबी रिश्तेदार वीरा गांधी की जमीन पर भी कब्जा कर लिया था। अतीक की गुंडई से परेशान वीरा गांधी इस मामले को लेकर सोनिया गांधी के पास पहुंची थीं और सोनिया गांधी के दखल देने के बाद किसी तरह इस जमीन को अतीक अहमद के कब्जे से छुड़ाया जा सका था।
सिविल लाइंस इलाके की जमीन पर किया था कब्जा
अतीक अहमद ने 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर फूलपुर संसदीय सीट से चुनाव जीता था। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 2007 में उसकी नजर प्रयागराज में एक बेशकीमती जमीन पर पड़ी। दरअसल इलाहाबाद के पॉश इलाके सिविल लाइंस में सोनिया गांधी की रिश्तेदार वीरा गांधी पैलेस सिनेमा हॉल की मालिक हैं।
इस टॉकीज के पीछे वीरा गांधी की कुछ जमीन थी जिस पर अतीक के गुर्गों की नजर पड़ गई। अतीक ने अपने गुर्गों के जरिए 2007 में इस जमीन पर कब्जा कर लिया था। अतीक अहमद के कब्जे की जानकारी मिलने के बाद वीरा गांधी अपनी जमीन को वापस पाने के लिए सक्रिय हो गईं। उस समय प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। वीरा गांधी ने प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन से अपनी जमीन को वापस दिलाने की गुहार लगाई मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
सोनिया के दखल पर माफिया ने छोड़ी थी जमीन
प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के स्तर पर कोई कार्रवाई न होने के बाद वीरा गांधी परेशान हो गईं। वे इस मामले को लेकर सोनिया गांधी के पास पहुंच गईं। उस समय दिल्ली में मनमोहन सिंह की अगुवाई में यूपीए की सरकार थी और सोनिया गांधी यूपीए की अध्यक्ष थीं। उस समय सोनिया गांधी को काफी पावरफुल माना जाता था।
कहा जाता था कि मनमोहन सिंह की सरकार भी गांधी परिवार की छत्रछाया में ही चल रही थी। वीरा गांधी ने अपनी जमीन वापस पाने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी। आखिरकार इस मामले में सोनिया गांधी ने दखल दिया और सोनिया के हस्तक्षेप के बाद ही अतीक के कब्जे से वीरा गांधी की जमीन वापस मिल सकी।
अन्य जमीनों पर भी थी अतीक की नजर
प्रदेश के पूर्व आईजी लाल जी शुक्ला का कहना है कि वीरा गांधी का परिवार प्रयागराज में काफी प्रतिष्ठित माना जाता रहा है और इस परिवार के पास प्रयागराज के विभिन्न इलाकों में कई महंगी जमीने हैं। अतीक अहमद की नजर पैलेस टॉकीज के पीछे वाली जमीन पर इसलिए पड़ी क्योंकि यह प्रयागराज के पॉश इलाके सिविल लाइंस में थी और इसकी काफी कीमत थी।
उसने प्रयोग के तौर पर इस जमीन पर कब्जा किया था। अगर इस जमीन पर उसका कब्जा आगे भी बना रहता तो वह वीरा गांधी की अन्य जमीनों पर भी आगे चलकर कब्जा कर सकता था।
हत्या के बाद खुलासों से सरकार भी हैरान
अतीक अहमद और अशरफ की तीन शूटरों ने गत 15 अप्रैल को प्रयागराज में पुलिस हिरासत के दौरान हत्या कर दी थी। हत्या के बाद हो रहे खुलासों से प्रदेश सरकार भी हैरान है। तमाम ऐसे मामले सामने आए हैं जिनसे पता चलता है कि अतीक अहमद ने कितने बड़े पैमाने पर लोगों की जमीन पर कब्जा किया था।
प्रदेश सरकार की ओर से अतीक अहमद की ओर से कब्जा की गई जमीनों को पीड़ितों को लौटाने पर मंथन किया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि प्रदेश सरकार की ओर से जल्द ही इस दिशा में बड़ा कदम उठाया जा सकता है।