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इस सीट पर रितेश देशमुख के भाई ने 'नोटा' को हराया, तीसरे स्थान पर रही शिवसेना
महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने जीत हासिल की है। दोनों पार्टियां एक बार फिर राज्य में सरकार बनाने जा रही हैं। लेकिन महाराष्ट्र की एक विधानसभा सीट के परिणाम ने सभी को चौंका दिया है।
मुंबई: महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने जीत हासिल की है। दोनों पार्टियां एक बार फिर राज्य में सरकार बनाने जा रही हैं। लेकिन महाराष्ट्र की एक विधानसभा सीट के परिणाम ने सभी को चौंका दिया है। यह सीट लातूर ग्रामीण है और यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार धीरज देशमुख ने जीत दर्ज की है।
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धीरज देशमुख महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिवंगत नेता विलासराव देशमुख के बेटे हैं। उन्हें कांग्रेस ने लातूर ग्रामीण से अपना उम्मीदवार बनाया था। धीरज देशमुख ने यहां से करीब 135006 वोटों से जीत दर्ज की है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह रही कि इस सीट पर नोटा दूसरे नंबर रहा है। यहां नोटा को 27449 वोट मिले मतलब इतने लोगों ने नोटा का बटन दबाया।
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इस अलावा लातूर ग्रामीण से शिवसेना का प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहा। इस सीट पर 2014 के विधानसभा चुनावों में में कांग्रेस के से त्र्यंबकराव श्रीरंगराव ने जीत हासिल की थी। 36 साल के धीरज देशमुख ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा है। इससे पहले इन्होंने 2017 में लातूर जिला परिषद के चुनावों में एकुर्गा सीट से जीत दर्ज की थी।
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संभवत: देश में यह पहला मौका है, जब एक उम्मीदवार ने नोटा को हराया है, या नोटा दूसरे नंबर पर रहा है। इस चुनाव में शिवसेना उम्मीदवार को 13459 वोट और वंचित बहुजन अगाड़ी पार्टी के उम्मीदवार को 12755 वोट मिले हैं।