TRENDING TAGS :
स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि, डॉक्टरों को मिली ये कामयाबी
स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ी खबर डॉक्टरों ने ह्रदय के वाल्व की सिकुड़न को ठीक करने का नया फार्मूला ढूंढ निकाला है खास बात यह है कि मरीज अब सुबह अस्पताल जाकर अपना इलाज करा कर शाम को घर वापस आ जाएगा
लखनऊ: स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ी खबर डॉक्टरों ने ह्रदय के वाल्व की सिकुड़न को ठीक करने का नया फार्मूला ढूंढ निकाला है खास बात यह है कि मरीज अब सुबह अस्पताल जाकर अपना इलाज करा कर शाम को घर वापस आ जाएगा पहले इसमें कई दिन लग जाया करते थे करते थे और यह सब होगा डे केयर बैलून माइक्रो वाल्वोटोमी तकनीक से जिसे 2 साल की कड़ी मेहनत और शोध के बाद ढूंढ निकाला गया है।
ये भी पढ़ें:कोरोना वायरस पर PM मोदी का संबोधन, लगने लगीं ये अटकलें
यह खोज किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज यूनिवर्सिटी और जर्मनी के डॉक्टरों ने की है हृदय रोगियों में वाल्व सिकुड़न की समस्या काफी अधिक है इसे रूमेटिक हार्ट डिजीज कहते हैं इस सिकुड़न के सबसे अधिक रोगी भारत में हैं सामान्यतः ऐसे मरीज को ठीक करने के लिए अस्पताल में भर्ती जाता था और तीन-चार दिन उन्हें वहां रुकना पड़ता था।
वहां रुकना पड़ता था उन्हें वहां रुकना पड़ता था। वहां रुकना पड़ता था जिसमें पहले दिन वर्क होता था दूसरे दिन प्रोसीजर तीसरे दिन मानीटरिंग करके शाम को डिस्चार्ज किया जाता था लेकिन अब यह सारे काम एक ही दिन में हो जाया करेंगे 2018 जनवरी से नवंबर तक करीब 98 मरीजों पर यह प्रयोग किया गया जिसमे 96 फीसद सफलता का नतीजा रहा है।
ये भी पढ़ें:निर्भया केस: दोषियों की फांसी पर SC के पूर्व जज ने खड़े किए सवाल, कहा- क्या फांसी पर…
इस संबंध में केजीएमयू के डॉक्टर गौरव चौधरी का कहना है कि अब पैर की एक नस व हाथ की एक नस से वॉल्व की बैलूनिंग संभव हो गई है। पहले मरीज के ह्रदय में पहुंचने के लिए पैर की दो नस में में चीरा नस में चीरा लगाना पड़ता था इसके बाद हॉट में सेप्टल पंचर कर इनोई बैलून को सिक्योर ए वालों वालों को ठीक किया जाता था यह तरीका खर्चीला और तकलीफ देह था।
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।