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मसीहा बने कातिलः गलत इंजेक्शन से युवक की मौत, एटा डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही
जिला चिकित्सालय में मरीजों को लगने वाले इंजेक्शन दलालों द्वारा रूपये लेकर लगाने को लेकर आय दिन मरीजों से विवाद होता रहता है। चिकित्सालय में रेबीज के इंजेक्शन की कमी के चलते मरीजों को समय से इंजेक्शन नहीं लग पाते हैं।
एटा: जनपद से डॉक्टर की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। बता दें कि 42 वर्षीय युवक को गलत इंजेक्शन लगने के कारण मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, युवक को एक अवारा कुत्ता काट लिया था, जिसके बाद युवक रेबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए जिला अस्पताल गया था।
उपचार के दौरान हुई मौत
जनपद के थाना जलेसर क्षेत्र के ग्राम नौ खेड़ा निवासी 42 वर्षीय युवक संजय उर्फ प्रकाश चन्द्र की बीती शाम 8 बजे उपचार के दौरान मौत हो गयी। मृतक के भाई रमाकांत पाराशर ने पोस्टमार्टम गृह पर बताया कि 4 फरवरी 2021 को मेरे भाई को गांव के ही एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था जिसे जिला चिकित्सालय एटा में रैवीज के इंजेक्शन भी लगवाया गया था। किन्तु उसे कुत्ते काटने का असर होने लगा जब अस्पताल में चिकित्सकों को दिखाया गया तो डॉक्टर ने आगरा या देशी इलाज करने की सलाह दी और कहा कि हमने उसे आगरा में भी निजी चिकित्सक को दिखाया किन्तु उसने भी कोई इलाज न होने की बात कहकर वापस कर दिया।
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गलत इंजेक्शन से युवक की हुई मौत
डॉक्टर ने हमें बताया कि इंजेक्शन गलत लगा है, इसलिये कुत्ते के काटने पर असर हो गया है। इंजेक्शन गलत लगने से मेरे भाई की बीती शाय 8 बजे मौत हो गयी। मौत की सूचना हमने थाना पुलिस को दी तो उन्होंने मेरे भाई का पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम हेतु भेजा है। प्रभारी निरीक्षक जलेसर ने बताया कि परिजनों की कुत्ता काटने से मौत की सूचना पर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया गया है। मृतक कृषि कार्य करता था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा कि मौत किस कारण से हुई है।
रेबीज के इंजेक्शन की कमी
आपको बताते चलें कि जिला चिकित्सालय में मरीजों को लगने वाले इंजेक्शन दलालों द्वारा रूपये लेकर लगाने को लेकर आय दिन मरीजों से विवाद होता रहता है। चिकित्सालय में रेबीज के इंजेक्शन की कमी के चलते मरीजों को समय से इंजेक्शन नहीं लग पाते हैं। वहीं दलालों द्वारा अवैध वसूली के बाद इंजेक्शन लगने की शिकायत भी होती रहती है किंतु मुख्य चिकित्सा अधीक्षक राजेश अग्रवाल द्वारा उनके विरूद्ध कोई कठोर कार्रवाई न करना दलालों को बढावा देने जैसा है। मृतक के भाई ने यह भी आरोप लगाया कि चिकित्सालय में रैवीज के इंजेक्शन के स्थान पर अन्य इजैक्शन लगाया जाता है अगर मेरे भाई को असली इजैक्शन लगाया जाता तो उसकी मौत नहीं होती।
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रिपोर्ट- सुनील मिश्रा
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