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स्कूलों का कायाकल्प: बदल गया नजारा, अब नजर आती है ऐसी तस्वीर
स्कूल में बाल पेंटिंग और पुस्तकालय में बेहतर किताबें और खेलकूद का सामान की भी व्यवस्था की गई है। इससे अभिभावक भी प्रभावित हो रहे हैं।
औरैया। ग्रामीण क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में कायाकल्प जारी है। इसकी तस्वीर सदर ब्लॉक क्षेत्र के इंग्लिश मीडियम मॉडल स्कूल शहाब्दा व ब्लॉक भाग्यनगर के इग्लिश मीडियम मॉडल स्कूल गुलाबपुर की दीवार बयां कर रही हैं। स्कूल में बाल पेंटिंग और पुस्तकालय में बेहतर किताबें और खेलकूद का सामान की भी व्यवस्था की गई है। इससे अभिभावक भी प्रभावित हो रहे हैं।
शहाब्दा मॉडल स्कूल गुलाबपुर की दीवाल पर उभारी गई ज्यामितीय आकृतियां
सदर ब्लॉक शहाब्दा के इंग्लिश मीडियम मॉडल स्कूल के हेडमास्टर रोहित उपाध्याय का कहना है कि स्कूल में बाल पेंटिंग के दौरान सुंदर चित्र बनाने के दौरान इस बात का ध्यान रखा गया है कि बच्चे, हर पेंटिंग के माध्यम से कुछ न कुछ सीखतें रहें। इसमें सांप-सीढ़ी, माई मैथ वॉल, टॉम एंड जेरी, वॉटर साइकिल, स्वच्छता संबंधी चित्र बनाए गए हैं। इससे विद्यालय की शोभा बढ़ी है।
बच्चे खेल-खेल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अच्छे माहौल के चलते लगातार विद्यालय में छात्र संख्या बढ़ रही है। वर्ष 2017-18 में विद्यालय में 125 छात्र पंजीकृत थे। वर्ष 2018-19 में 163 तथा 2019-20 में बढ़कर 181 बच्चे पंजीकृत हैं।
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स्कूल की दीवार पर अंकित हैं प्रमुख नदियों के नाम
ब्लॉक भाग्यनगर की इग्लिश मीडियम मॉडल स्कूल की हेड मास्टर रश्मि देवी ने बच्चों को किताबों की ओर आकर्षित करने के लिए सिक्स कलर कांसेप्ट अपनाया गया है। सामान्य वर्ग के बच्चों के लिए लाल रंग की किताब रखी गई है। जिसमें केवल चित्र बने हैं।
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इसके अलावा नीले और पीले रंग की किताबें भी रखवाई गई हैं। जिससे बच्चे खुद ही किताबों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसके अलावा डॉ. कलाम व मदर टेरेसा के नाम पर कक्षाओं का नामकरण भी किया गया है। हेड मास्टर ने बताया कि साल दर साल छात्रसंख्या में वृद्धि हो रही है।
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जिम्मेदारों का कहना है
इस संबंध में जिला बेसिक अधिकारी एस पी सिंह ने बताया कि योजना के तहत परिषदीय स्कूलों का कायाकल्प हुआ है। इसके साथ शैक्षणिक माहौल दुरुस्त करने में शिक्षकों ने भी महम भूमिका अदा कर रहे हैं। इससे लोगों के दिमाम से सरकारी स्कूलों की पुरानी छाप मिटेगी। अच्छे विद्यालयों और शिक्षकों की मेहनत को देखकर शिक्षा विभाग खुद को गौरवांवित महसूस कर रहा है।
रिपोर्टर -प्रवेश चतुर्वेदी, औरैया
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