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मलेरिया माह: गांव-गांव में शुरू जागरुकता अभियान, घर-घर पहुंच रहीं आशा व एएनएम

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सतीशचन्द्र सिंह ने बताया कि मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो परजीवी रोगाणु से होती है जिसे प्लाज्मोडियम कहते हैं।

Aradhya Tripathi
Published on: 8 Jun 2020 10:10 AM GMT
मलेरिया माह: गांव-गांव में शुरू जागरुकता अभियान, घर-घर पहुंच रहीं आशा व एएनएम
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मऊ: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जनपद के समस्त विकास खंडों के समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अंतर्गत गांवों में मलेरिया माह मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य आम जनमानस में मलेरिया से बचाव व रोकथाम को लेकर जागरूकता पैदा करना है।

सीएमओ ने बताए मलेरिया के लक्षण

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सतीशचन्द्र सिंह ने बताया कि मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो परजीवी रोगाणु से होती है जिसे प्लाज्मोडियम कहते हैं तथा मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है। यह रोगाणु व्यक्ति की लाल रक्त कोशिकाओं में फैल जाते हैं जिसके कारण मलेरिया होता है। सीएमओ ने मलेरिया के लक्षण के बारे में बताया कि मलेरिया में व्यक्ति को ज्यादा देर तक बुखार आता है और यह बुखार प्रतिदिन 3 से 4 घंटे तक रहता है। मलेरिया 10 से 12 दिन तक व्यक्ति को प्रभावित करता है। मलेरिया में तेज बुखार के साथ ठंड लगना, उल्टी, दस्त तेज पसीना आना तथा शरीर का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ जाना,

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सिरदर्द, शरीर में जलन तथा मलेरिया होने के पश्चात रोगी का शरीर में कमजोरी महसूस होना आदि मलेरिया के लक्षण हैं। इसकी निःशुल्क जाँच और इलाज विशेषज्ञ व डाक्टरों की देखरेख में जिले के सरकारी अस्पताल सहित सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध है। जिला मलेरिया अधिकारी बेदी यादव ने बताया कि जनपद के समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर आशा, एएनएम एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता के द्वारा घर-घर ‘हर रविवार मच्छर पर वार’ स्लोगन का प्रचार-प्रसार कर जनमानस को जागरूक किया जाएगा।

करें ये बचाव

इसके साथ ही मलेरिया जांच हेतु चयनित ग्राम में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाएगा। उन्होने बताया कि जिले वर्ष 2017 में मलेरिया के तीन मरीज पाये गए थे जबकि 2018 में 11 मरीज पाये गए थे। वहीं 2019 में जिले में 11 मलेरिया के मरीज पाये गए थे। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जन समुदाय अपने घर के आस-पास साफ-सफाई रखें, जल भराव न होने दें क्योंकि बरसात के समय में गड्ढों में, बड़े बर्तनों में, टायरों में जल जमा हो जाता है

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तथा ज्यादा दिन तक एक ही स्थान पर इकट्ठा रहने के कारण मच्छर पानी में पनपते हैं और ज्यादा संख्या में मच्छरों को जन्म देते हैं। इसके अलावा व्यक्ति सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें एवं मॉसकीटो क्रीम या लोशन अवश्य लगाएं। उन्होने बताया कि बाहर का भोजन कम करें। पानी उबालकर पिएं जिससे मलेरिया जैसी बीमारी को नियंत्रित किया जा सके। कोरोना के कारण उक्त सभी कार्यवाही सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए की जाएगी।

रिपोर्ट- आसिफ रिज़वी

Aradhya Tripathi

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