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यूपी उपचुनाव: सत्ताधारी दल ने उड़ाई आचार संहिता की धज्जियां, जिम्मेदार खामोश
प्रदेश में भाजपा की सरकार है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ आचार संहिता लगने से पूर्व मल्हनी की धरती पर आकर सार्वजनिक रूप से कहा कि हमे हर हाल में मल्हनी जीतना है।
जौनपुर: जनपद में मल्हनी विधानसभा के लिये हो रहे उप चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी एवं पार्टी जनो द्वारा लगातार आयोग द्वारा तय की गयी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है। लेकिन आयोग द्वारा भेजे गये प्रेक्षक अथवा जिला प्रशासन/ जिला निर्वाचन अधिकारी के स्तर से अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही का न किया जाना अब एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि क्या मल्हनी का उप चुनाव निष्पक्ष रूप से सम्पन्न हो सकेगा ?
बता दें कि जबसे मल्हनी विधानसभा का गठन हुआ है तभी लगातार इस सीट पर सपा का कब्जा रहा है और पारस नाथ यादव विधायक होते रहे। उनके निधन के पश्चात मल्हनी में पहला उप चुनाव हो रहा है। प्रदेश में भाजपा की सरकार है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ आचार संहिता लगने से पूर्व मल्हनी की धरती पर आकर सार्वजनिक रूप से कहा कि हमे हर हाल में मल्हनी जीतना है। हलांकि सीएम के इस ऐलान से विपक्षी दलों ने भी कमर कस ली है।
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प्रत्याशी का चुनाव कार्यालय
आयोग की गाइड लाइन के तहत सरकार से वित्त पोषित विद्यालय में किसी दल अथवा प्रत्याशी का चुनाव कार्यालय नहीं हो सकता है लेकिन यहाँ पर सत्ता धारी दल भाजपा प्रत्याशी मनोज कुमार सिंह का केन्द्रीय चुनाव कार्यालय मल्हनी विधानसभा क्षेत्र स्थित नौपेडवां बाजार में यादवेश इन्टर कालेज के परिसर में खोला गया है। यादवेश इन्टर कालेज सरकार से वित्त पोषित विद्यालय है। चुनाव कार्यालय खोलते समय सरकार के मंत्री विधायक एवं बड़ी संख्या में भाजपा के लोग सभा करते हुए कार्यालय को खोला है। जिला प्रशासन के अधिकारी एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए आयोग द्वारा नियुक्त प्रेक्षक के द्वारा इसे गम्भीरता से नहीं लिया गया।
आचार संहिता के अनुपालन की जिम्मेदारी
इस सन्दर्भ में आचार संहिता के अनुपालन की जिम्मेदारी संभाल रहे मुख्य राजस्व अधिकारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि सरकार से वित्त पोषित विद्यालय में किसी दल अथवा प्रत्याशी का चुनाव कार्यालय खोला जाना आचार संहिता का उल्लंघन है। किसी स्तर से इसकी शिकायत नहीं मिली है अब संज्ञान में आया है विधिक कार्यवाही संभव है। जब बताया गया कि सत्ता धारी दल भाजपा का मामला है तो अधिकारी जांच और देखने की बात करने लगे।
इसी तरह आयोग ने वोटों की खरीद फरोख्त को आचार संहिता का उल्लंघन माना है यहाँ पर स्वयं प्रत्याशी द्वारा पैसे से वोट खरीदने का खुला खेल किया जा रहा है फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है लेकिन प्रशासन एवं आयोग के प्रेक्षक की आंख कान दोनों बन्द पड़े हुए हैं।
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भरपूर सरकारी सहयोग
इस तरह उपरोक्त घटना क्रम अब संकेत देने लगा है कि सत्ता के दबाव में प्रशासन की ओर से भाजपा को भरपूर सरकारी सहयोग प्रदान किया जा रहा है। उनकी गलतियाँ की अनदेखी की जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वर्तमान प्रशासन एवं आयोग के प्रेक्षक की उपस्थिति में निष्पक्ष चुनाव संभव है ? हलांकि मल्हनी विधानसभा का चुनाव अब जनता बनाम सरकार होता जा रहा है। मल्हनी मे आम जनता सरकार के खिलाफ लाम बंद होती नजर आ रही है। परिणाम पर चर्चा करना कठिन लेकिन जनता की नाराजगी सरकार के प्रति स्पष्ट रूप से नजर आ रही है
कपिल देव मौर्य जौनपुर