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मुलायम के करीबी किरण पाल सिंह अब BJP के साथ, जानें राजनीति में इनकी तगड़ी भूमिका

समाजवादी सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री रहे किरणपाल सिंह के मुलायम सिंह से बेहतरीन रिश्ते रहे हैं। संभवतः पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की होने वाली जनसभा में किरनपाल सिंह को सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल कराया जाएगा।

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Published on: 22 Oct 2020 11:50 AM IST
मुलायम के करीबी किरण पाल सिंह अब BJP के साथ, जानें राजनीति में इनकी तगड़ी भूमिका
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मुलायम के करीबी किरण पाल सिंह अब BJP के साथ, जानें राजनीति में इनकी तगड़ी भूमिका (Photo by social media)

लखनऊ: डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा का 'सबका साथ सबका विकास' अभियान दिखना शुरू हो गया है। पार्टी को मजबूत करने के लिए दूसरे दलों से लोगों का लाने का काम तेज हो रहा है, भले ही उस नेता का अतीत कैसा भी रहा हो। अब पश्चिमी क्षेत्र को मजबूत करने लिए यहां के एक बडे जाट नेता किरण पाल सिंह भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं।

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किरणपाल सिंह के मुलायम सिंह से बेहतरीन रिश्ते रहे हैं

समाजवादी सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री रहे किरणपाल सिंह के मुलायम सिंह से बेहतरीन रिश्ते रहे हैं। संभवतः पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की होने वाली जनसभा में किरनपाल सिंह को सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल कराया जाएगा।

किरणपाल सिंह का नाम कविता हत्याकांड से भी जुड़ा था

यहां यह भी बताना जरूरी है कि किरणपाल सिंह का नाम कविता हत्याकांड से भी जुड़ा था।कविता चौधरी हत्याकांड 2006 में एक बड़ा स्कैंडल हुआ था। इसमें पुलिस ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कमरे से कुछ ऐसे पत्र व नोट्स बरामद किए थें, जिसमें कई मंत्रियों से उसके रिष्ते उजागर हुए थे।

कविता चैधरी विश्वविद्यालय में अंशकालिक प्रवक्ता के पद पर थी

कविता चैधरी विश्वविद्यालय में अंशकालिक प्रवक्ता के पद पर थी। विश्वविद्यालय के हास्टल के एक कमरे से बरामद पत्र और नोट्स में कविता ने प्रदेश के एक तत्कालीन मंत्री के करीबी रविंद्र प्रधान समेत कई अन्य लोगों से अपनी जान का खतरा जताया था। कविता चौधरी बुलंदशहर के घनसूरपुर गांव की रहने वाली थी। पीएचडी करने के बाद वह चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में अंशकालिक प्रवक्ता के रुप में नौकरी कर रही थी।

वर्ष 2005 में गांव के एक झगड़े में उसके भाई के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज हुआ

वर्ष 2005 में गांव के एक झगड़े में उसके भाई के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज हुआ और वह जेल चला गया। इसके बाद अपने भाई को जेल से छुड़ाने के प्रयास में वह रविंद्र प्रधान के संपर्क में आई। जो कि तत्कालीन बेसिक शिक्षा मंत्री किरनपाल सिंह का बेहद नजदीकी था। रविन्द्र ने सत्ता की ताकत से कविता के भाई को तो जेल से निकलवा लिया। लेकिन इसके बाद उसके सम्बन्ध रविन्द्र प्रधान से बेहद नजदीकी हो गए। इसके बाद कविता की उस समय तत्कालीन मंत्रियों मेराजुद्दीन, किरनपाल एवं बाबूलाल के संपर्क में आने की बात कही गयी थी।

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सीबीआई की चार्जशीट में इस बात का भी खुलासा किया गया कि रविंद्र प्रधान ने कविता के साथ मिलकर धन कमाने के लिए कई राजनीतिज्ञों को कथित रूप से ब्लैकमेल करने की योजना बनाई। इसके लिए उन्होंने दिल्ली के पालिका बाजार से कैमरा व अन्य उपकरण भी खरीदे थे। इस कैमरे से कविता ने एक मंत्री समेत कई से अंतरंग संबंधों की वीडियो तैयार की। इसी के चलते यह मामला हाईप्रोफाइल हो गया। बाद में इस मामले के मुख्य आरोपी रवींद्र प्रधान की मई 2008 में गाजियाबाद की जेल में हत्या कर दी गई थी जो अभी भी एक रहस्य है।

श्रीधर अग्निहोत्री

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