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योगीजी मिट रहे सबूतः 22 दिन बाद भी गिरफ्तारी नहीं, मणिमंजरी केस

मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी की मौत के मामले में नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता व अन्य आरोपियों के विरुद्ध साक्ष्य गायब करने का एक नया आरोप भी बढ़ सकता है ।

Newstrack
Published on: 28 July 2020 3:56 PM IST
योगीजी मिट रहे सबूतः 22 दिन बाद भी गिरफ्तारी नहीं, मणिमंजरी केस
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बलिया: मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी की मौत के मामले में नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता व अन्य आरोपियों के विरुद्ध साक्ष्य गायब करने का एक नया आरोप भी बढ़ सकता है । घटना के 22 दिन बाद भी वाहन चालक के अतिरिक्त कोई अन्य आरोपी पुलिस के हत्थे नही चढ़ सका है ।

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बांसडीह के उप जिलाधिकारी दुष्यंत कुमार मौर्य ने मनियर नगर पंचायत की जांच के बाद जिन कार्यों में अनियमितता को लेकर अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपा था, उन कार्यों से सम्बंधित पत्रावली नगर पंचायत से गायब हो गई है । बताते चले कि बांसडीह के उप जिलाधिकारी दुष्यंत मौर्य ने गत 15 अप्रैल को अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय का एक शिकायती पत्र जिलाधिकारी को संदर्भित किया। इस पत्र में अधिशासी अधिकारी राय द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना में मनियर नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा सहयोग न करने व अवैधानिक कार्यो हेतु दबाव बनाते हुए कार्यो में व्यवधान उत्पन्न करने की शिकायत की गई है । जिला प्रशासन ने इस शिकायती पत्र को संज्ञान में लेकर उप जिलाधिकारी से जांच कर आख्या देने को कहा । बांसडीह के उप जिलाधिकारी दुष्यंत मौर्य ने गत 1 जून 2020 को अपर जिलाधिकारी को जांच आख्या प्रेषित किया । उप जिलाधिकारी ने अपनी जांच आख्या में अधिशासी अधिकारी के दिनांक 23 अप्रैल 2020 को दिए गए शिकायती प्रार्थना पत्र को आधार बनाया है ।

उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि आपके निर्देशानुसार नगर पंचायत मनियर कार्यालय से पत्रावली तलब कर निरीक्षण किया गया है। पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि एक से लेकर कुल 34 कार्यों को कराने के लिए पत्रावली तैयार की गई है। अवलोकन में सामने आया कि नगर पंचायत के भिन्न-भिन्न वार्डो मे कार्य कराने के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन निकाला गया है। अधिशासी अधिकारी द्वारा सभी पत्रावलियों में नोट शीट लगाया गया है कि सभी निविदाएं खुली हुई हैं तथा पत्रावली में तुलनात्मक चार्ट एवं कार्यादेश पहले से ही संलग्न है । इस पर न तो उनका और न ही अध्यक्ष का हस्ताक्षर बना है तथा निविदाओं में कोई भी कार्य बोर्ड की बैठक में स्वीकृत नहीं कराए गए हैं। ऐसी परिस्थिति में उक्त निविदाओं की गोपनीयता , पारदर्शिता एवं सुचिता संदिग्ध प्रतीत होती है। ऐसे में उक्त निविदाओं को निरस्त कर पुन: नियमानुसार कराया जाना उचित प्रतीत होता है। अत: पूर्व में कराए गए सभी टेंडर को निरस्त कर पुन: टेंडर कराये जाने हेतु संस्तुति आख्या सहित सेवा में प्रेषित है ।

अधिशासी अधिकारी राय के मौत की छानबीन के सिलसिले में पिछले दिनों प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के दल ने मनियर नगर पंचायत कार्यालय से मणि मंजरी के कार्यकाल के समय की पत्रावलियों को खंगाला व अपने कब्जे में लिया । अधिकारियों को मनियर नगर पंचायत कार्यालय से 34 कार्यो से सम्बंधित पत्रावली नही मिली है । इस पत्रावली को मौजूदा मुकदमे में प्रमुख साक्ष्य माना जाता है । बांसडीह के उप जिलाधिकारी दुष्यंत मौर्य ने जांच के बाद इन सभी पत्रावलियों को मनियर नगर पंचायत कार्यालय में वापस कर दिया था । पत्रावली यदि नही मिली तो आरोपियों के विरुद्ध साक्ष्य गायब करने का मामला बढ़ सकता है । पुलिस को इस मामले में मोबाइल के डिलीट किये गए डाटा का अभी भी इंतजार है । पुलिस ने मणि मंजरी , नायब तहसीलदार रजत सिंह व वाहन चालक चंदन वर्मा के मोबाइल फोन को गाजियाबाद भेजा है।

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हालांकि लखनऊ से मोबाइल फोन फॉरेंसिक जांच के बाद वापस आने के बाद मोबाइल फोन में मिले साक्ष्यों को लेकर कुछ भी बताते से परहेज कर रही है । सूत्रों के अनुसार पुलिस को एक मोबाइल फोन से एक महत्वपूर्ण वीडियो मिला है । इस सम्बंध में पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र नाथ ने आज कहा कि वह इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नही देंगे । इस वीडियो से मणि मंजरी व वाहन चालक को लेकर सनसनीखेज खुलासा होने की बात सामने आ रही है । इस बीच मणि मंजरी की मौत के 22 दिन बाद भी पुलिस न तो मणि मंजरी की मौत का कारण सार्वजनिक कर सकी है और न ही वाहन चालक चंदन वर्मा के अतिरिक्त किसी अन्य आरोपी की गिरफ्तारी कर सकी है । सूत्रों के अनुसार पुलिस आरोपियों की लोकेशन ट्रेस करने के लिए सर्विलांस का सहारा ले रही है , लेकिन आरोपी अपना मोबाइल बन्द कर पुलिस को छका रहे हैं । पुलिस आरोपियों का नया मोबाइल नंबर तलाश करने में जुटी है ।

अनूप कुमार हेमकर -बलिया

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