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संत रविदास मंदिर मसलाः गर्म राजनीति में बसपा प्रमुख मायावती भी कूदीं
लखनऊ। दिल्ली के तुगलकाबाद में दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा संत रविदास मंदिर ढहाने के बाद गर्म हुई राजनीति में बसपा प्रमुख मायावती भी कूद पड़ी हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि दिल्ली के तुगलकाबाद क्षेत्र में बना संत रविदास मंदिर केंद्र और दिल्ली सरकार की मिलीभगत से गिरवाये जाने का बीएसपी ने सख्त विरोध किया है।
लखनऊ। दिल्ली के तुगलकाबाद में दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा संत रविदास मंदिर ढहाने के बाद गर्म हुई राजनीति में बसपा प्रमुख मायावती भी कूद पड़ी हैं। दिल्ली के तुगलकाबाद क्षेत्र में बना संत रविदास मंदिर केंद्र और दिल्ली सरकार की मिलीभगत से गिरवाये जाने का बीएसपी ने सख्त विरोध किया है।
बसपा प्रमुख मायावती ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इससे इनकी आज भी हमारे संतों के प्रति हीन व जातिवादी मानसिकता साफ झलकती है।
बसपा प्रमुख ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि बीएसपी की मांग है कि इस मामले में ये दोनों सरकारें कोई बीच का रास्ता निकाल कर अब अपने खर्चे से ही इनके मंदिर का पुनः निर्माण करवाएं।
दिल्ली के तुगलकाबाद में शनिवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण यानी डीडीए ने संत रविदास मंदिर ढहा दिया, जिसको लेकर दिल्ली से लेकर पंजाब तक अब राजनीति गर्मा गई है। इस पर डीडीए की सफाई आई, जिसमें कहा गया है कि गुरु रविदास जयंती समारोह समिति ने जंगल की जमीन पर निर्माण किया था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी जगह को खाली नहीं किया गया। इसलिए 9 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को आदेश दिया कि वह पुलिस की मदद से इस जगह को खाली कराए और ढांचे को हटाए।
सपा कांग्रेस पर भी निशाना
इसके पहले बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के सोनभद्र दौरे को लेकर सपा व कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सोनभद्र कांड के पीड़ित आदिवासियों की जमीन पहले कांग्रेस व फिर सपा के भू माफियाओं ने हड़प ली और जब विरोध किया तो उन्हें मौत के घाट उतार दिया।
मायावती ने कहा कि सोनभद्र कांड को लेकर सपा व कांग्रेस नेताओं को घड़ियाली आंसू नहीं बहाने चाहिए बल्कि जमीन वापस दिलाने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने यूपी सरकार से आदिवासियों की जमीन वापस करने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।
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