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उपचुनाव में बसपा की हार को मायावती ने बताया भाजपा व सपा का षड्यंत्र

उत्तर प्रदेश में पहली बार उपचुनाव लड़ने उतरी बसपा को 11 सीटों में कही भी सफलता नहीं मिली और उपचुनाव के लिए बसपा का दलित-मुस्लिम गठजोड़ का कार्ड बुरी तरह फेल हो गया।

Shivakant Shukla
Published on: 25 Oct 2019 4:08 PM IST
उपचुनाव में बसपा की हार को मायावती ने बताया भाजपा व सपा का षड्यंत्र
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मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की रिक्त हुई 11 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों में सिफर पर रही बहुजन समाज पार्टी ने हार का ठीकरा भारतीय जनता पार्टी पर फोड़ा है। बसपा सुप्रीमों मायावती ने इसे बसपा का मनोबल तोड़ने के लिए भाजपा और सपा मिलीभगत से किया गया षडयंत्र करार दिया है।

उपचुनाव के नतीजे आने के बाद देर रात मायावती ने किया ट्वीट

बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को उपचुनाव के नतीजे आने के बाद देर रात अपने ट्वीट में कहा है कि यूपी विधानसभा आमचुनाव से पहले बसपा के लोगों का मनोबल गिराने के षडयंत्र के तहत भाजपा द्वारा इस उपचुनाव में सपा को कुछ सीटें जिताने और बसपा को एक भी सीट नहीं जीतने देने को पार्टी के लोग अच्छी तरह से समझ रहे हैं। वे इनके इस षडयंत्र को फेल करने के लिए पूरे जी-जान से जरूर जुटेंगे।

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उत्तर प्रदेश में पहली बार उपचुनाव लड़ने उतरी बसपा को 11 सीटों में कही भी सफलता नहीं मिली और उपचुनाव के लिए बसपा का दलित-मुस्लिम गठजोड़ का कार्ड बुरी तरह फेल हो गया। उपचुनाव में बसपा ने न सिर्फ अपने कब्जे वाली एक सीट गंवा दी बल्कि 11 में से छह सीटों पर बसपा के उम्मीदवार बुरी तरह हारे है और अपनी जमानत तक नहीं बचा पाये।

यादव वोटों पर भी अखिलेश की पकड़ कमजोर हो गयी है

लोकसभा चुनाव में सपा के साथ हुए गठबंधन को तोड़ने के बाद बसपा सुप्रीमों नें सपा मुखिया अखिलेश यादव पर लोकसभा चुनाव में मुस्लिमों को टिकट न देने का दबाव बनाने के आरोप लगाते हुए कहा था कि यादव वोटों पर भी अखिलेश की पकड़ कमजोर हो गयी है।

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बसपा सुप्रीमों मायावी इस उपचुनाव के जरिए प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल का तमगा हासिल करने के लिए पहली बार उपचुनाव में उतरी थी। लेकिन इगलास और जलालपुर में ही वह मुख्य लड़ाई में दिखी जबकि रामपुर, लखनऊ कैंट, जैदपुर, गोविंदनगर, गंगोह और प्रतापगढ़ विधानसभा क्षेत्रों में बसपा जमानत बचाने के लिए जरूरी 16.66 प्रतिशत मत भी नही जुटा पायी। बसपा को रामपुर में 2.14 फीसदी, लखनऊ कैण्ट में 9.64 फीसदी, जैदपुर में 8.21 फीसदी, गोविंद नगर में 4.52 फीसदी, गंगोह में 14.37 फीसदी और प्रतापगढ़ में 12.74 फीसदी वोटों से ही संतोष करना पड़ा।

बसपा को एक भी सीट नहीं जीत पाने का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा है

इसके अलावा मायावती ने हरियाणा में बसपा को एक भी सीट नहीं जीत पाने का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा है। मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि हरियाणा की जनता भी भाजपा सरकार के कुशासन से काफी दुखी व त्रस्त थी और इनसे मुक्ति चाहती थी। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने अपने स्वार्थ के लिए जनता में वोटों के बंटने के भय को खूब प्रचारित किया। इससे बसपा के समर्पित वोटर तो कतई नहीं डिगे परन्तु अन्य वोटर जरूर भ्रमित हो गये। इसी क्रम में एक दूसरे ट्वीट में बसपा सुप्रीमों ने कहा कि इसका परिणाम यह हुआ कि बसपा इस बार हरियाणा विधानसभा आम चुनाव में सीट जीतने में सफल नहीं हुई, हालांकि बसपा को पिछली बार से ज्यादा वोट मिले है।

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