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अब नहीं काटने पड़ेंगे अस्पताल के चक्कर, इस एप से घर बैठे मिलेगी डाॅक्टर की सलाह
वैश्विक महामारी कोरोना के चलते लोगों को अस्पताल के चक्कर न लगाने पड़ें इसको ध्यान में रखते हुए घर बैठे चिकित्सीय परामर्श सेवा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा टेलीमेडिसिन (ई-संजीवनी) ओपीडी सेवा शुरू की गयी है।
औरैया: वैश्विक महामारी कोरोना के चलते लोगों को अस्पताल के चक्कर न लगाने पड़ें इसको ध्यान में रखते हुए घर बैठे चिकित्सीय परामर्श सेवा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा टेलीमेडिसिन (ई-संजीवनी) ओपीडी सेवा शुरू की गयी है। जिससे कि अस्पतालों में अनावश्यक भीड़ को नियंत्रित कर कोरोना के खतरे को कम किया जा सके और जन समुदाय को सुलभता और सरलता से परामर्श सेवाएं प्राप्त हो सकें।
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महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. मिथिलेश चतुर्वेदी की तरफ से सभी सीएमओ को पत्र भेजा गया है जिसमें कहा गया है कि टेलीमेडिसिन (ई-संजीवनी) के माध्यम से ओपीडी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जनपद स्तरीय चिकित्सालय, सामुदायिक केंद्र व शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात ऐसे चिकित्सकों को नामित किया जाएगा जो समय प्रदान कर सकें तथा उनके पास कंप्यूटर की सुविधा हो। मरीज व तीमारदार स्मार्टफोन से इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
समुदाय प्रक्रिया के जिला प्रबन्धक अजय कुमार ने बताया कि ई-संजीवनी के माध्यम से ओपीडी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जनपद स्तर कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर व एएनएम के द्वारा टेबलेट का उपयोग कर ई-संजीवनी की सुविधा प्रदान की जा रही है।
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अब नहीं काटना पड़ेगा अस्पताल का चक्कर
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के कारण जरूरतमंद लोग व मरीज अस्पताल जाने से कतरा रहे हैं। ऐसे में सरकार द्वारा तैयार किए गए ई-संजीवनी एप्लीकेशन के जरिए ओपीडी सेवा प्रदान करने का फैसला लिया गया है। इस एप के माध्यम से मरीज चिकित्सकों से परामर्श ले सकते हैं।
ई-संजीवनी एप या वेबसाइट के माध्यम से मरीज खुद करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन
उन्होंने बताया कि ई-संजीवनी एप या वेबसाइट के माध्यम से मरीज खुद का रजिस्ट्रेशन करके ओटीपी सेवा ले सकता है। जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं है उनके लिए उपकेंद्र स्तरीय हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर पर कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर व एएनएम के द्वारा टेबलेट का उपयोग कर ई-संजीवनी की सुविधा प्रदान की जाएगी।
रिपोर्ट: प्रवेश चतुर्वेदी, औरैया
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