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फर्जी डेथ सर्टिफिकेट से झोंकी धूलः उम्रकैद का सजायाफ्ता आया पकड़ में
उत्तर प्रदेश की बुलंदशहर पुलिस की स्वाट टीम ने मेरठ में हुई एक हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट से हुई उम्रकैद की सजा पाने वाले अनिराज सिंह नाम के कैदी को गुरुवार को बुलन्दशहर के कस्बा स्याना से गिरफ्तार कर लिया।
मेरठ: उत्तर प्रदेश की बुलंदशहर पुलिस की स्वाट टीम ने मेरठ में हुई एक हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट से हुई उम्रकैद की सजा पाने वाले अनिराज सिंह नाम के कैदी को गुरुवार को बुलन्दशहर के कस्बा स्याना से गिरफ्तार कर लिया। उससे एक तमंचा-कारतूस बरामद हुआ। पता चला कि उम्रकैद से बचने के लिए उसने फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाया था।
उम्रकैद की सजा हुई थी
दरअसल, मेरठ में सरधना थाना क्षेत्र के ग्राम मदारपुर में वर्ष 1988 में अनिल की हत्या हुई थी। इस मामले में मुकदमा अपराध संख्या-201/1988 दर्ज हुआ। सुप्रीम कोर्ट से अनिराज सिंह पुत्र जयवीर सिंह को उम्रकैद की सजा हुई थी। साल 2004 में अनिराज पैरोल पर जेल से बाहर आया। इस दौरान फरार हो गया। 2006 में अनिराज के परिजनों ने पुलिस को उसकी मौत का डेथ सर्टिफिकेट दिया। बताया कि अनिराज की मौत विक्टोरिया पार्क अग्निकांड में हो गई है। यहां बता दें कि मेरठ में 10 अप्रैल 2006 को हुए विक्टोरिया पार्क अग्निकांड में 67 लोग जिंदा जल गए थे। सैकड़ों लोग इस हादसे में झुलस गए। डेथ सर्टिफिकेट के अनुसार, मृतकों में से एक अनिराज सिंह भी था। पुलिस ने इसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भेज दी थी।
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20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था
पिछले साल मृतक अनिल के परिजनों ने पुलिस को सूचना दी कि अनिराज जीवित है। आरोप पुष्ट होने पर सरधना थाने पर फर्जी कागजात तैयार कराने का मुकदमा दर्ज करते हुए अनिराज पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।गिरफ्तारी के बाद अनिराज सिंह ने बताया कि उम्रकैद से बचने के लिए उसने फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाया था। फिलहाल पत्नी और बच्चों सहित उत्तराखंड के रुद्रपुर में रहकर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहा था। रुद्रपुर से अनिराज सिंह ने नोएडा, गुरुग्राम में नौकरी की।
रिपोर्ट- सुशील कुमार
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