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Up Nikay Chunav: रालोद गठबंधन, कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी घोषित होने के बाद अब भाजपा, बसपा के पत्ते खुलने का इंतजार
Meerut News: कांग्रेस के मुस्लिम दांव के बाद अब मेरठ के बाशिंदों की नजरें भाजपा और बसपा उम्मीदवारों पर टिकी हैं। बता दें कि कांग्रेस ने नसीम कुरैशी को मेरठ महापौर के लिए उम्मीदवार घोषित किया गया है। साफ-सुथरी छवि के नसीम कुरैशी पुराने कांग्रेसियों में गिने जाते हैं।
Meerut News: कांग्रेस के मुस्लिम दांव के बाद अब मेरठ के बाशिंदों की नजरें भाजपा और बसपा उम्मीदवारों पर टिकी हैं। बता दें कि कांग्रेस ने नसीम कुरैशी को मेरठ महापौर के लिए उम्मीदवार घोषित किया गया है। साफ-सुथरी छवि के नसीम कुरैशी पुराने कांग्रेसियों में गिने जाते हैं। इससे पहले सपा-रालोद गठबन्धन की तरफ से सरधना विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को महापौर पद का उम्मीदवार घोषित किया जा चुका हैं। सपा-रालोद गठबंधन और कांग्रेस द्वारा दमदार उम्मीदवार घोषित करने के बाद अब सबकी निगाहें भाजपा और बसपा के उम्मीदवारों पर टिकी हैं। ऐसी संभावना जताई जा रही हैं कि इस बार बसपा मुस्लिम उम्मीदवार पर दांव खेलेगी। वो मुस्लिम कौन होगा, इसका फैसला अभी नहीं हो सका है। लेकिन जो भी होगा दमदार होगा ऐसा स्थानीय बसपा नेताओं का कहना है।
54 दावेदारों से भाजपा में असमंजस
मेरठ महापौर पद के प्रत्याशी को लेकर भाजपा मुश्किल में पड़ी दिख रही है, यही वजह है कि अभी तक भाजपा मेरठ महापौर पद के उम्मीदवार के चयन को लेकर कई बैठकों के बाद भी अंतिम निर्णय नहीं ले सकी है। दरअसल, अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में महापौर पद पर वो कोई गलती नहीं करना चाहती है। क्योंकि इससे लोकसभा चुनाव के लिए गलत संदेश जाएगा। भाजपा में कुल 54 दावेदार हैं,इनमें सभी की भाजपा नेतृत्व पर किसी ना किसी सहारे मजबूत पकड़ है। ऐसे में नेतृत्व असमंजस में है कि 54 दावेदारों में से किस पर दांव लगाया जाए। ऐसे में नेतृत्व ऐसे उम्मीदवार पर ही दांव लगाना चाहता है,जिसकी जीत की अधिक से अधिक संभावना हो। दरअसल, भाजपा इस बार किसी भी सूरत में महापौर की कुर्सी पर काबिज होना चाहती है।
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दलित-मुस्लिम फैक्टर है निर्णायक
बता दें कि मेरठ नगर निगम में 12लाख 57 हजार 440 वोट हैं, जिनमें करीब साढ़े तीन लाख मुस्लिम और एक लाख 40 हजार के करीब दलित मतदाता हैं। मेरठ 2017 में दलित और मुस्लिम गठजोड़ की मदद से बसपा ने भाजपा को घुटने टिका दिए थे। महानगर में दलित मुस्लिम गठबंधन ने भाजपा को सीधे टक्कर दी। यह टक्कर सिर्फ महापौर पद पर ही नहीं बल्कि पार्षद पदों पर भी टक्कर साफ नजर आईं। महापौर पद पर जहां बसपा ने भाजपा को पटखनी दी, तो पार्षद पद पर भी 28 प्रत्याशी सीधे जिताने के साथ 20 वार्ड में दूसरे नंबर पर बसपा प्रत्याशियों की मौजूदगी रही थी।