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न‍िर्भया के दोषि‍यों के बाद अब शबनम को फांसी पर लटकाएगा पवन जल्लाद

निर्भया कांड के चार दोषियों को फांसी पर लटकाने वाला उत्तर प्रदेश के मेरठ का पवन जल्लाद अब अमरोहा की शबनम नाम की महिला को फांसी देने के लिए तैयार है। इस महिला ने 2008 में अमरोहा में अपने परिवार के 07 लोगों को कुल्हाड़ी से काटकर मौत की नींद सुला दिया था।

Ashiki
Published on: 17 Feb 2021 1:34 PM GMT
न‍िर्भया के दोषि‍यों के बाद अब शबनम को फांसी पर लटकाएगा पवन जल्लाद
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मेरठ: निर्भया कांड के चार दोषियों को फांसी पर लटकाने वाला उत्तर प्रदेश के मेरठ का पवन जल्लाद अब अमरोहा की शबनम नाम की महिला को फांसी देने के लिए तैयार है। इस महिला ने 2008 में अमरोहा में अपने परिवार के 07 लोगों को कुल्हाड़ी से काटकर मौत की नींद सुला दिया था। ये काम उसने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर किया था। उसे फांसी की सजा हो चुकी है। पवन जल्लाद उसे ये फांसी मथुरा जेल में ही देगा। पवन जल्लाद ने कहा कि इस तरह से निर्मम हत्या करने वाले और अपने परिवार का खात्मा करने वाले दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए।

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शबनम को फांसी देने के लिए तैयार

पवन जल्लाद के अनुसार मथुरा जेल का फांसीघर पूरी तरह तैयार हो चुका है। वह भी शबनम को फांसी देने के लिए तैयार है। पवन ने कहा कि मथुरा जेल के अधिकारी लगातार उसके संपर्क में हैं। उसे बस फांसी देने की तारीख का इंतजार है। मेरठ जेल के अधीक्षक डॉ. बीडी पांडेय ने कहा कि मथुरा जेल से जैसे ही पवन जल्लाद का बुलावा आएगा, उसे भेज दिया जाएगा।

मार्च 2020 में तड़के चार बजे पवन ने दिल्ली की तिहाड़ जेल में निर्भया कांड के चार दोषियों को फांसी पर लटकाया था। पवन के नाम अब तक चार फांसी देने का रिकॉर्ड है। उसकी कई पीढ़ियां इस पुश्तैनी काम को करती रही हैं। पवन मेरठ में कांशीराम आवासीय कॉलोनी का रहने वाला है। पवन जल्लाद का कहना है कि इस तरह से निर्मम हत्या करने वाले और अपने परिवार का खात्मा करने वाले दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए।

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शबनम को फांसी देने के बाद जुड़ जायेगा एक नया रिकॉर्ड

पवन जल्लाद का यह भी कहना है कि शबनम को फांसी देने के बाद उसके नाम एक नया रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा। क्योंकि आजाद भारत में पहली बार किसी महिला को फांसी दी जाएगी और फांसी देने वाला मैं हूं। पवन जल्लाद ने कहा कि करीब छह महीने पहले उसने मथुरा जेल का दौरा किया था, जहां पर शबनम को फांसी दी जानी है। फांसीघर बेहद जीर्ण-शीर्ण हालत में था। जिस तख्ते पर दोषी को खड़ा किया जाता है, वह टूटा हुआ था। उसे बदलवा दिया गया है। लीवर की खिंचाई भी ठीक तरीके से नहीं हो रही थी। ऑयल लगाकर लीवर को नरम बनाया गया है ताकि फांसी देते वक्त खींचने में उस पर ज्यादा जोर न लगाना पड़े।

सुशील कुमार, मेरठ

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