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Meerut News: तंत्र-मंत्र के जरिए जिसको दिया था पत्नी को मरवाने का ठेका, उसी तांत्रिक ने ली हेड कांस्टेबल की जान
Meerut News: दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल की हत्या के आरोप में आज हस्तिनापुर आश्रम से अभियुक्त गणेशानन्द उर्फ गनपत पुत्र गुरूप्रसाद चेला परमानन्द निवासी ग्राम सिमौरा थाना हुसैनगंज जिला फतेहपुर उ0प्र0 को गिरफ्तार कर लिया।
Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद की थाना सरधना पुलिस द्वारा दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल की हत्या के आरोप में आज हस्तिनापुर आश्रम से अभियुक्त गणेशानन्द उर्फ गनपत पुत्र गुरूप्रसाद चेला परमानन्द निवासी ग्राम सिमौरा थाना हुसैनगंज जिला फतेहपुर उ0प्र0 को गिरफ्तार कर लिया । अभियुक्त के विरूद्ध थाना सरधना पर मु0अ0सं0 304/23 धारा 302,201 भादवि पंजीकृत किया गया। घटना के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक देहात कमलेश ठाकुर ने बताया कि दिल्ली पुलिस का है0का0 गोपीचन्द पुत्र नत्थन सिंह निवासी ग्राम पौहल्ली थाना सरधना जनपद मेरठ बीती 26 मार्च से लापता था।
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गुमशुदा होने के सम्बन्ध में गोपीचन्द की पत्नी रेखा ने थाना सरधना पर गोपीचन्द की गुमशुदगी दर्ज करायी थी। इसके बाद 27 अप्रैल को गोपीचन्द की पत्नी रेखा द्वारा थाना सरधना पर तहरीर देकर इस सम्बन्ध में मु0अ0सं0 304/23 धारा 302,201 भादवि पंजीकृत कराया था।
गुमशुदगी की जाँच व विवेचना से यह तथ्य प्रकाश में आये है कि करीब 01 वर्ष पहले अपनी पत्नी रेखा को तन्त्र मंत्र से मरवाने के लिए बाबा गणेशानन्द उर्फ गनपत से शुक्रताल में मिला था। इसके बाद गोपीचन्द लगातार बाबा गणेशान्द से मिलता रहा और अपनी पत्नी को तन्त्र मन्त्र से मरवाने के लिए दबाव बनाता रहा ,इसके एवज में गोपीचन्द ने बाबा गणेशान्द को एक साल के अन्दर करीब ढाई लाख रूपया जिसमें कुछ नगद व कुछ यू0पी0आई0 ट्रांजेक्शन के माध्यम से बाबा को दिया। 24 मार्च को गोपीचन्द ने बाबा के खाते में एक लाख रूपये यू0पी0आई0 से ट्रांजेक्शन किये। अगले दिन 90,000/-रूपये गोपीचन्द ने बाबा के खाते में यू0पी0आई0 से ट्रांजेक्शन किये। बाबा गणेशान्द ने 26 मार्च को गोपीचन्द को डेढ लाख रूपये लेकर अपने आश्रम पर आने और गोपीचन्द की पत्नी रेखा को मारने के लिए तन्त्र-मन्त्र करने के लिए बुलाया।
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गोपीचन्द अपनी मोटरसाइकिल से एक मुर्गा लेकर बाबा के आश्रम में पहुँचा। बाबा तन्त्र मन्त्र का सामान के साथ व एक दांव लेकर गोपीचन्द के साथ सिरजेपुर गाँव के पास गंगा किनारे तन्त्र मन्त्र करने के लिए पहुँचा। बाबा तन्त्र मन्त्र करने लगा और गोपीचन्द वही पास में लेट गया। बाबा ने पहले मुर्गे की बलि दी और फिर उसी दांव से लेटे हुए गोपीचन्द के गले पर प्रहार कर घायल कर दिया जिससे गोपीचन्द की मृत्यु हो गयी और बाबा गणेशान्द ने पास बह रही गंगा नदी में गोपीचन्द के शव को बहा दिया। बाबा ने उसके मोबाईल को भी गंगा नदी में फेंक दिया और गोपीचन्द की मोटर साइकिल की नम्बर व इंडीगेटर आदि में तोड फोड करने के बाद गंगा नदी में खींच कर धकेल दी जो दिनांक 12 अप्रैल को उसी स्थान से थाना सरधना पुलिस द्वारा बरामद की जा चुकी है।
पूछताछ में खुला मुकदमा
आज मुकदमा उपरोक्त के विवेचक व गुमशुदगी के जाँचकर्ता द्वारा बाबा गणेशानन्द के आश्रम में जाकर बाबा से पूछताछ की गयी तो बाबा गणेशानन्द ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए अपने आश्रम से घटना के समय पहना हुआ रक्त रंजित कुर्ता बरामद कराया और गंगा किनारे चलकर घटनास्थल की तस्दीक कराने और आला कत्ल दांव अपनी निशादेही पर बरामद कराने के लिए कहा जिस पर पुलिस टीम द्वारा बाबा गणेशानन्द की निशानदेही पर गंगा किनारे घटनास्थल पर पहुँचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया गया और बाबा गणेशानन्द की निशा देही पर आला कत्ल दांव और मोटरसाइकिल के टूटे हुए टुकडे बरामद कर बाबा गणेशानन्द को उसके जुर्म धारा 302,201 भादवि से अवगत कराते हुए गिरफ्तार किया गया ।
पुलिस अधीक्षक ने दी अपडेट
पुलिस अधीक्षक देहात के अनुसार बाबा गणेशानन्द से गोपीचन्द को मारने का कारण पूछने पर बताया कि गोपीचन्द मुझे 4,50,000/- (साढ़े चार लाख) रूपये दे चुका था और डेढ लाख रूपये उसके पास नगदी थी ,मुझे मामूल था कि तंत्र-मंत्र से मैं गोपीचन्द की पत्नी रेखा की मृत्यु नही कर सकता हूँ , गोपीचन्द मुझसे अपने रूपये वापस मांगेगा और मुझे डेढ लाख रूपये की भी सख्त जरूरत थी इसीलिए मैंने गोपीचन्द की हत्या की है ।