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Meerut News: अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के निशाने पर पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह, जानिए क्या है वजह

Meerut News: भाजपा नेता ने कहा कि पशु विभाग के स्थानीय अफसरों द्वारा विभाग द्वारा प्राप्त पैसा गायों के संरक्षण पर खर्च करने की बजाय आपस में बंदरबाट कर लिया जाता है। दूसरी तरफ गाय सड़कों पर बदहवास पड़ी हैं।

Sushil Kumar
Published on: 5 Sept 2023 6:13 PM IST
Meerut News: अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के निशाने पर पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह, जानिए क्या है वजह
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(Pic: Newstrack)

Meerut News: मेरठ में गौवंश की दयनीय हालत को लेकर यूपी के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह अपनी ही पार्टी कार्यकर्ताओं के निशाने पर हैं। भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहे अंकित चौधरी ने आज यहां कहा कि निराश्रित गौवंशों के संरक्षण के भले ही यूपी की योगी सरकार तमाम कोशिशें कर रही हो लेकिन हकीकत कुछ और ही है।

भाजपा के युवा नेता ने प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

जिले में गौ-संरक्षण केंद्र में अव्यवस्थाओं के चलते गौवंश दुर्दशा के शिकार हैं। यह हालत तो तब हैं, जबकि मेरठ के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह भी इसी विभाग के मंत्री हैं। बावजूद इसके मेरठ में गौवंश संरक्षण के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। भाजपा के इस युवा नेता द्वारा जिला प्रशासन को सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि हिन्दू धर्म में गाय को माता का स्थान प्राप्त है। परन्तु अफसोस का विषय है कि मेरठ में गायों की हालत दयनीय बनी हुई है। यह हालत तो तब है, जबकि गाय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में शामिल हैं। यही नहीं मेरठ के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह भी इसी विभाग के मंत्री है।

गाय के संरक्षण की धनराशि में अफसर कर रहे बंदरबांट!

भाजपा नेता ने कहा कि पशु विभाग के स्थानीय अफसरों द्वारा विभाग द्वारा प्राप्त पैसा गायों के संरक्षण पर खर्च करने की बजाय आपस में बंदरबाट कर लिया जाता है। दूसरी तरफ गाय सड़कों पर बदहवास पड़ी हैं। परन्तु किसी भी पशु चिकित्सक द्वारा बीमार गायों का उपचार नहीं किया जा रहा है। भाजपा नेता अंकित चौधरी के अनुसार उन्होंने मेरठ जिले के पशु अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर एक पत्र मुख्यमंत्री योगीजी के अलावा प्रमुख सचिव पशुधन को भी भेजा है। भाजपा नेता अंकित चौधरी ने कहा कि मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अखिलेश गर्ग कहते हैं कि हर महीने पशुपालकों को 15 लाख 30 हजार रुपये सहायता राशि के रुप में दिए जा रहे हैं। अगर यह सच है तो फिर मेरठ में गायों की हालत दयनीय क्यों बनी हुई है।

Sushil Kumar

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