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Meerut News: मेरठ में शपथ ग्रहण समारोह में 'वंदे मातरम' मुद्दे पर विवाद, पहले भी हो चुकी कई बार तकरार
Meerut News: 'वंदे मातरम' पर हंगामा होने का मेरठ में यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी हंगामा मेयर, सभासद शपथग्रहण कार्यक्रम के दौरान उस समय हुआ था जब 12 दिसंबर 2017 बसपा के टिकट पर चुनी गई मेयर सुनीता वर्मा टाउन हॉल में शपथ ले रहीं थी तो वंदे मातरम के समय वे बैठी रह गईं थी।
Meerut News: वंदेमातरम पर हंगामे होने का मेरठ में यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी हंगामा मेयर, सभासद शपथग्रहण कार्यक्रम के दौरान उस समय हुआ था जब 12 दिसंबर 2017 बसपा के टिकट पर चुनी गई मेयर सुनीता वर्मा टाउन हॉल में शपथ ले रहीं थी तो वंदे मातरम के समय वे बैठी रह गईं थी, जबकि तत्कालीन कमिश्नर डा.प्रभात कुमार, निवर्तमान मेयर हरिकांत अहलूवालिया और निगम अधिकारी, पार्षद खड़े होकर वंदे मातरम का गायन कर रहे थे। इस पर भाजपा पार्षदों ने जमकर हंगामा किया था। तब वंदे मातरम के जवाब में कुछ पार्षदों ने अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाए थे।
इससे पहले वर्ष 2012 में हरिकांत अहलूवालिया भाजपा से महापौर बने। उनकी पहली बोर्ड बैठक में वंदे मातरम को लेकर हंगामा हुआ था। इसमें कई पार्षद चोटिल भी हुए थे। हरिकांत अहूलूवालिया ने निगम बोर्ड बैठक में वंदे मातरम पर हुए विवाद में नौ पार्षदों को निलंबित कर दिया था। दरअसल,2012 में जब मेयर हरिकांत अहलूवालिया की अध्यक्षता में निगम बोर्ड बैठक हो रही थी तो नौ पार्षदों ने बहिष्कार कर दिया था। इस बहिष्कार पर मेयर की अध्यक्षता में बोर्ड ने उन नौ पार्षदों को निलंबित करने का प्रस्ताव पास किया था।
वंदे मातरम को लेकर कई बार विवाद होता रहा है
वैसे नगर निगम में वंदे मातरम को लेकर कई बार विवाद होता रहा है। निगम की बोर्ड बैठक में वंदे मातरम के समय अक्सर मुस्लिम पार्षद बाहर निकलते रहे हैं। अब एक बार फिर वंदे मातरम को लेकर शपथ ग्रहण में विवाद हुआ। एआईएमआईएम के पार्षदों, कार्यकर्ताओं ने कहा कि वंदे मातरम को लेकर जोर-जबरदस्ती का अधिकार किसी को नहीं है।
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वंदे मातरम के ताजा मामले में एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष चौधरी फहीम का कहना है कि शपथ ग्रहण कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से होनी चाहिए थी। लेकिन राष्ट्रगीत से कार्यक्रम शुरू हुआ, हमने कोई आपत्ति नहीं जताई। जिसके बाद भाजपाइयों ने राष्ट्रगीत गलत पढ़ा, तो सांसद सहित अन्य लोगों ने दुबारा राष्ट्रगीत की बात कही। जिसका हमने विरोध किया, चौधरी फहीम ने बताया कि हमारी मांग पहले राष्ट्रगान की थी, हमने दुबारा राष्ट्रगीत पढ़ने से मना कर दिया।
एआईएमआईएम दक्षिणी इस्लामाबाद वार्ड 71 के पार्षद फजल करीम कहते हैं- संविधान के अनुसार कोई किसी की भारतीयता पर सवाल नहीं कर सकता और ना ही किसी नारे या गीत को मजबूर कर सकता। हम नहीं बोलेंगे वंदे मातरम लेकिन गर्व से जय हिंद बोलते हैं, भारत हम सबका बराबर है। मेयर और पार्षद का काम जनसेवा का है, उन्हें वहीं करना चाहिए।