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Meerut News: गुंडा एक्ट की कार्रवाई के चलते योगेश वर्मा से पार्टी ने बनाई दूरी, खुद को बचाने की कर रहे जद्दोजहद
Meerut News: योगेश वर्मा के अनुसार डीएम ने उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है। योगेश वर्मा ने आज कहा कि मैं गुंडा नहीं, नेता हूं, समाज की लड़ाई लड़ता हूं। उनके विरोधी नेताओं ने स्थानीय पुलिस से मिलकर उनके बारे में गलत रिपोर्ट भेजी।
Meerut News: समाजवादी पार्टी के स्थानीय वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक योगेश वर्मा पार्टी के भीतर अलग-थलग पड़ते जा रहे हैं। हालत यह है कि योगेश वर्मा गुंडा एक्ट की कार्रवाई से खुद को बचाने की जद्दोजहद में फंसे हुए हैं। वहीं, दूसरी तरफ उनकी पार्टी के जिम्मेदार लोंगो ने उनसे दूरी बना ली है। इस बीच पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन की ओर से गुंडा एक्ट की कार्रवाई में नोटिस मिलने पर पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने गुंडा एक्ट की कार्रवाई से पहले नोटिस मिलने के बाद डीएम दीपक मीणा से मिलकर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि जनता का नेता हूं, गुंडा नहीं।
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योगेश वर्मा के अनुसार डीएम ने उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है। योगेश वर्मा ने आज कहा कि मैं गुंडा नहीं, नेता हूं, समाज की लड़ाई लड़ता हूं। उनके विरोधी नेताओं ने स्थानीय पुलिस से मिलकर उनके बारे में गलत रिपोर्ट भेजी। योगेश वर्मा ने कहा कि चार अप्रैल 2018 की हिंसा में उन पर रासुका लगी थी। अब उन्हीं मामलों को आधार बनाया गया। रात साढ़े 11 बजे नोटिस तामिल कराया जा रहा है। इस तरह के मामलों से वह डरने वाले नहीं हैं।
उधर, एडीएम प्रशासन के नोटिस को लेकर पूर्व विधायक योगेश वर्मा के वकील ने कोर्ट में वकालतनामा पेश किया। कोर्ट में एडीएम प्रशासन अमित कुमार सिंह मौजूद नहीं थे। पेशकार ने वकालतनामा स्वीकार न कर आठ अगस्त की तारीख लगा दी। अब आठ अगस्त को योगेश वर्मा को नोटिस का जवाब देना होगा।
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इस मामले में खास बात यह है कि स्थानीय पार्टी के जिम्मेदार नेताओं ने पुलिस प्रशासन की ताजा कार्रवाई के बाद उनसे दूरी बना ली है। यही वजह है कि पार्टी का बड़ा दलित चेहरा होने के बावजूद अभी तर पार्टी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। यही नहीं डीएम से मुलाकात के दौरान भी योगेश वर्मा के साथ पार्टी का कोई भी जिम्मेदार बड़ा नेता मौजूद नहीं था। बता दें कि पूर्व विधायक योगेश वर्मा पर गुंडा एक्ट लगाने के बाद जिला बदर करने की तैयारी की जा चुकी है। जिसमें योगेश वर्मा के आपराधिक गतिविधियों का पूरा चिट्ठा था। यहां बता दें कि साल 2022 में जब विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों का आपराधिक इतिहास जारी किया गया था, तब योगेश वर्मा पर 9 मुकदमे दर्शाए गए थे। योगेश वर्मा की दौराला थाने में हिस्ट्रीशीट खुली थी, हालांकि कुछ समय बाद उसे बंद कर दिया गया था। बाद में फिर उसे खोला गया।