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Meerut News: गैंगस्टर अनिल दुजाना एनकाउंटर से उठेगा पर्दा, मजिस्ट्रीयल जांच शुरु
Meerut News: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना के एनकाउंटर पर पुलिस की कार्रवाई पर उठते सवालों के बीच जिला मजिस्ट्रेट मेरठ के आदेश पर मेरठ के ज्वाईंट मजिस्ट्रेट/उप जिला मजिस्ट्रेट मेरठ द्वारा पुलिस मुठभेड़ में हुई मृत्यु की मजिस्ट्रीयल जांच शुरु की गई है।
Meerut News: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना के एनकाउंटर पर पुलिस की कार्रवाई पर उठते सवालों के बीच जिला मजिस्ट्रेट मेरठ के आदेश पर मेरठ के ज्वाईंट मजिस्ट्रेट/उप जिला मजिस्ट्रेट मेरठ द्वारा पुलिस मुठभेड़ में हुई मृत्यु की मजिस्ट्रीयल जांच शुरु की गई है।
यूपी एसटीएफ ने किया था एनकाउंटर
उप जिला मजिस्ट्रेट मेरठ ने आज बताया कि 04 मई को समय लगभग 15.10 बजे एसटीएफ मेरठ की टीम द्वारा थाना जानी क्षेत्र के भोला झाल में पश्चिमी उ0प्र0 के एक कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना पुत्र चतर सिंह निवासी ग्राम दुजाना थाना बादलपुर जनपद गौतमबुद्धनगर की पुलिस मुठभेड़ में मृत्यु हो गई थी। उप जिला मजिस्ट्रेट के अनुसार जिला मजिस्ट्रेट मेरठ के आदेश पर इस मामले की मजिस्ट्रीयल जांच उनके द्वारा की जा रही है। उप जिला मजिस्ट्रेट के अनुसार उक्त मजिस्ट्रीयल जांच के संबंध में जो भी व्यक्ति अपना मौखिक अथवा लिखित साक्ष्य अंकित कराना चाहते है। वह उनके कार्यालय में इस माह के अंत तक यानी 31 मई 2023 तक अथवा किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय में उपस्थित होकर प्रस्तुत कर सकते हैं।
अनिल दुजाना वेस्ट यूपी में खौफ का पर्याय बना हुआ था। उस पर लूट डकैती हत्या समेत कई मुकदमे दर्ज थे। बीती चार मई को मेरठ में एसटीएफ के एसपी बृजेश सिंह के नेतृत्व में टीम ने उसे गंगनहर पर लोकेशन मिलने के बाद घेर लिया, अनिल दुजाना ने एसटीएफ की टीम पर फायरिंग की, जवाबी फायरिंग में वह मारा गया।
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बड़े भाई का आरोप- अगवा करके किया गया एनकाउंटर
बता दें कि अंतिम संस्कार के बाद अनिल के बड़े भाई ओमप्रकाश नागर ने यूपी एसटीएफ पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था- अनिल दुजाना दिल्ली की कोर्ट में सरेंडर करने के लिए जा रहा था। वहीं से अगवा करके इसका एनकाउंटर कर दिया। एनकाउंटर यूपी एसटीएफ ने किया है। वकील के द्वारा दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में सरेंडर करने के लिए जा रहा था। हमें तो समाचार के माध्यम से पता चला कि अनिल को एनकाउंटर में ढेर कर दिया।
ओम प्रकाश ने आगे कहा, ‘अनिल पर मुकदमे दर्ज थे, लेकिन सब मुकदमों में जमानत पर बाहर आया हुआ था। जेल से बाहर आते ही पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। जेल से बाहर आने के बाद रंगदारीमारपीट, धमकाना, वसूली और किसी अपराध से कोई मतलब नहीं था।’