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हमीरपुर: SDM की सलाह, मानसिक रोगों को न छिपाएं, समय से कराएं इलाज
जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरीला में शिविर लगाकर मानसिक विकारों से पीड़ित मरीजों को परामर्श देकर दवाएं दी गई।
हमीरपुर: जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरीला में शिविर लगाकर मानसिक विकारों से पीड़ित मरीजों को परामर्श देकर दवाएं दी गई। गंभीर मानसिक विकारों से ग्रसित मरीजों को कानपुर में उपचार कराने की सलाह दी गई।
शिविर का उद्घाटन उपजिलाधिकारी जुबैर बेग ने किया। उन्होंने कहा कि मानसिक बीमारियों को कभी लोग भूत-प्रेत का चक्कर मानकर उपचार कराने से बचते थे, लेकिन आज मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि मानसिक विकारों की प्रत्येक अवस्था के अध्ययन के बाद उसका इलाज खोज निकाला गया है। उन्होंने कहा कि सही उपचार कराने पर मानसिक विकारों से हमेशा के लिए निजात मिल सकती है।
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दुआ के साथ-साथ दवा भी जरुरी
लोगों को दुआ के साथ-साथ दवा भी जरूर करानी चाहिए। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एमके बल्लभ ने भी मानसिक बीमारियों के प्रकार और उनके उपचार के संबंध में उपस्थित लोगों को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मानसिक विकारों से कोई ग्रसित हो सकता है। ऐसे व्यक्तियों का मजाक उड़ाने या उनका उपहार करने से ज्यादा उनके इलाज पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है और नियमित उपचार से मरीज ठीक हो जाते हैं।
शिविर में मनो चिकित्सक डॉ.अखिलेश कुमार ने मरीजों की जांच की और उन्हें उचित परामर्श दिया। जिला अस्पताल की साइको थेरेपिस्ट डॉ.नीता ने मरीजों की काउंसिलिंग की। उन्होंने बताया कि शिविर में मानसिक विकारों से ग्रसित 61 मरीजों को परामर्श देकर दवाएं दी गई। सर्वाधिक मामले डिप्रेशन के आए थे, जिन्हें इस अवस्था से उबरने के टिप्स दिए गए। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा.आर पी वर्मा, मनोरोग कम्युनिटी ऑफिसर प्रगति गुप्ता, जिला कार्यक्रम प्रबंधक (एनएचएम) सुरेंद्र कुमार साहू, डॉ.रश्मि खरे, डॉ.शिवसहाय यादव, स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी प्रेमचंद, लेखा प्रबंधक मजीद अहमद आदि मौजूद रहे।
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यहां करें संपर्क
किसी भी मानसिक विकार से ग्रसित मरीज जिला अस्पताल (पुरुष) के प्रथम तल में आईपीडी के सामने स्थित मन:कक्ष में संपर्क कर सकता है या हेल्पलाइन नंबर 05282- 298180 पर भी संपर्क स्थापित कर सकता है।
मानसिक रोगों पर एक नजर
अवसाद- वजन कम/ज्यादा होना, अकेलापन, लोगों से मिलना-जुलना कम, भूख न लगना, अपने आप में रहना, नींद न आना, काम में रुचि कम होना।
मिर्गी- शरीर अकड़ना, फिट आना/झटके आना, जमीन पर गिर जाना, मुंह से झाग निकलना।
्क्रिरसोफेनियर- तरह-तरह की आवाजें आना, शक करना, काल्पनिक दुनिया में रहना, घर से भाग जाना, स्वयं की देखरेख न कर पाना, खुद से बातें करते रहना, बुदबुदाना।
ओसीडी- ज्यादा साफ-सफाई रखना, काम में ज्यादा समय लगाना, चिड़चिड़ाहट होना, एक ही तरह के विचार बार-बार आना।
मानसिक मंदबुद्धि- जन्म से विकास कम होना, बौद्धिक क्षमता कम होना, रुपए-पैसे न पहचान पाना, स्वयं की देखभाल न कर पाना।
मानसिक बीमारियों के लक्षण
नींद न आना, मन स्थिर न रहना, बड़ी-बड़ी बातें करना, खुद से बातें करना, अपनी दुनिया में खोये रहना, मन उदास रहना, काम में मन न लगना
रिपोर्ट: रविंद्र सिंह