क्वारंटाइन से भाग रहे मजदूर, जानें आखिर क्या है वजह

बाहर राज्यों से लगभग पचास से भी ज्यादा मजदूर आये हैं और सभी की जांच के बाद डाक्टरों ने उन्हें होम क्वारंटाइन किये जाने के आदेश दिए थे।

Aradhya Tripathi
Published on: 24 May 2020 6:46 AM GMT
क्वारंटाइन से भाग रहे मजदूर, जानें आखिर क्या है वजह
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बाराबंकी: बाराबंकी के एक गांव में कोरोना से संक्रमण को लेकर लोग इतने जागरूक हो गए हैं कि उन्हें होम क्वारंटाइन होने से डर लगने लगा है। और वह ग्राम प्रधान से गांव के बाहर बने स्कूल में ही रहने का अनुरोध कर रहे हैं। बाहर राज्यों से आये हुए चार उन लोगों को ग्राम प्रधान ने रोकने की व्यवस्था भी करवा दी है। जिन्हे डाक्टरों ने घर में ही रहने अर्थात होम क्वारनटाईन रहने का आदेश दिया था।

बाहर से आए मजदूरों ने की क्वारंटाइन सेंटर में रहने गुजारिश

हम बात कर रहें हैं बाराबंकी जनपद के थाना मसौली इलाके के गांव बड़ागांव की। जहां बाहर राज्यों से लगभग पचास से भी ज्यादा मजदूर आये हैं और सभी की जांच के बाद डाक्टरों ने उन्हें होम क्वारंटाइन किये जाने के आदेश दिए थे। मगर इन लोगों में चार लोग ऐसे थे जो गांव के अन्दर ही नहीं गए। और प्रधान से कहकर गांव के बाहर ही बने स्कूल में रहने लगे।

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और क्वारंटाइन की अवधि को पूरा करने लगे। गांव से बाहर बने इस स्कूल में बाहर से आए मजदूर समीर ने बताया कि वह मुंबई से आया है। और उसके पिता यहाँ फल बेंचने का काम करते हैं। और ऐसे में वह अगर घर चला गया तो शायद लोग उसके पिता जी से फल ही खरीदना बन्द कर देंगे। इसी कारण से वह गाँव नहीं जाकर अपने क्वारनटाईन की अवधि को पूरा कर रहे हैं।

छोटे माकन होने की वजह से होम क्वारंटाइन से डर रहे लोग

वहीं चेन्नई से आये एक और मजदूर इमामुद्दीन ने बताया कि वह लोग गांव में इसलिए नहीं जाना चाहते कि उनके कारण पूरे गांव को परेशानी न उठानी पड़े। बड़ागांव के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मोहम्मद आलम शाह ने बताया कि हमारे गाँव में आने वालों की संख्या लगभग पचास है। मगर अधिकांश के पास एक ही कमरे के का मकान है।

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और ऐसे में वह क्वारंटाइन में घर के अंदर रहे तो वह तो घर से बाहर नहीं जायेंगे। लेकिन घर वाले जरूर बाहर जायेंगे। इससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जायेगा। और इसीलिए वह लोग गांव न जाकर गांव के बहार बने क्वारंटाइन सेंटर में ही रहना चाहते हैं।

सरफ़राज़ वारसी

Aradhya Tripathi

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