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बड़ा खुलासा! चिन्मयानंद-छात्रा में लाखों का सौदा, मामले का मास्टरमाइंड ये शख्स
स्वामी चिन्मयानंद का मामला दिन पर दिन बढ़ता जा रह है। आए दिन इस मामले से जुड़ी खबर आती जा रही हैं।
शाहजहांपुर: स्वामी चिन्मयानंद का मामला दिन पर दिन बढ़ता जा रह है। आए दिन इस मामले से जुड़ी खबर आती जा रही हैं। मालिश के दौरान बनाया गया अश्लील वीडियो वायरल होने से पहले चिन्मयानंद और छात्रा व उसके दोस्तों के बीच 25 लाख रुपये में सौदा हो गया था। लेकिन जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) के चेयरमैन डीपीएस राठौर ने बीच में पड़कर खेल बिगाड़ दिया। मिल जानकारी के मुताबिक फिर इस प्रकरण में नेता जुड़ते गए और ब्लैकमेलिंग की रकम बढ़कर पांच करोड़ तक पहुंच गई।
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इस खेल का मास्टरमाइंड संजय बताया जा रहा है
इस पूरे मामले का असली मास्टरमाइंड संजय बताया जाता है। मुमुक्षु आश्रम और एसएस लॉ कॉलेज में सब कुछ ठीक चल रहा था। दोस्ती के नाते संजय का छात्रा के कमरे पर जाना-आना था। मुमुक्षु आश्रम की संपत्ति देख संजय के मन में लालच आ गया और उसने ब्लैकमेलिंग का पूरा प्लान तैयार किया। प्लानिंग के अंदर ही कैमरे वाला चश्मा मंगाया गया था, जिससे चिन्मयानंद की मालिश करने के दौरान छात्रा ने अश्लील वीडियो बनाया था।
संजय ने अपने मैसेरे भाई सचिन को मीडिया कर्मी बनाकर किया ऐसा
मिली जानकारी के मुताबिक वीडियो बनाने के बाद संजय ने अपने मैसेरे भाई सचिन को मीडिया कर्मी बनाकर चिन्मयानंद के पास मुमुक्षु आश्रम भेजा। सचिन ने अपने पास अश्लील वीडियो होने का हवाला देकर चिन्मयानंद से एक करोड़ की मांग की थी। वहीं भाजपा के प्रमुख नेता ने बीच में पड़कर दोनों पक्षों के बीच 25 लाख रुपये में मामला निपटाने का सौदा तय करा दिया था।
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DCB चेयरमैन धर्मेंद्र प्रताप सिंह उर्फ DPS राठौर का मुमुक्षु आश्रम में रोज जाना आना रहता था। करीबी संबंध होने की की वजह से चिन्मयानंद ने अश्लील वीडियो और 25 लाख रुपये में सौदा होने की बात DPS राठौर से शेयर की। वहीं से खेल बिगड़ गया। DPS ने छात्रा और उसके दोस्त संजय से संपर्क साधा। इसके बाद फिरौती की रकम डेढ़ करोड़ हो गई। चिन्मयानंद का अश्लील वीडियो बनने की जानकारी होने के बाद अजीत सिंह समेत कई भाजपाई छात्रा और उसके दोस्तों से संपर्क में आ गए। उनका हिस्सा तय होने पर फिरौती की रकम बढ़ती चली गई।
वहीं उधर, चिन्मयानंद की शासन में मजबूत पकड़ थी। चिन्मयानंद के यहां बड़े-छोटे तमाम अफसर आते थे। जिसकी वजह से चिन्मयानंद ने बाद में रकम देने से इनकार कर दिया। बाद में छात्रा के वीडियो वायरल करने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया, जिससे चिन्मयानंद और रुपये मांगने वाले आरोपी दोनों पक्षों को जेल जाना पड़ गया।
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कोर्ट से नहीं मिला कोई आदेश
कोर्ट ने छात्रा को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति भले दे दी हो लेकिन इस मामले में शनिवार तक रुहेलखंड विश्वविद्यालय में कोई आदेश नहीं पहुंचा। कुलपति प्रो. अनिल शुक्ल का कहना है कि जब तक कोर्ट से कोई आदेश नहीं आ जाता। कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता। वहीं, छात्रा की उपस्थिति का भी पेंच फंस सकता है। क्योंकि जेल में बंद होने की वजह से छात्रा की कक्षा में उपस्थिति मानकों के अनुसार नहीं हो सकी है। चूंकि छात्रा का मामला कोर्ट में विचाराधीन है और वह जेल में बंद है, तो कोर्ट के आदेश के बिना विश्वविद्यालय कोई भी राहत नहीं देगा।