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खनन माफियाओं का तांडव: तीन बच्चे हुए इसका शिकार, तड़प-तड़प कर हुई मौत

खनन माफियाओं द्वारा बड़े बड़े पहाड़ो पर सैकड़ो डीपपहोल करके ब्लास्टिंग प्लिंथ लेबल से नीचे खनन करके पर्यावरण को भारी क्षति पहुँचाया जा रहा है।दोपहर के समय लगातार हर एरिया में दर्जनों ब्लास्टिंग से धरती सिहर उठती है।

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Published on: 18 July 2020 8:07 AM GMT
खनन माफियाओं का तांडव: तीन बच्चे हुए इसका शिकार, तड़प-तड़प कर हुई मौत
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मिर्ज़ापुर: अहरौरा थाना क्षेत्र के चकजाता सरिया गाँव मे अवैध खनन के चलते पत्थर के खदान में हुये गड्ढे में तीन बच्चों की डूबने से मौत हो गयी। अवैध खनन ने एक बार फिर से खेला मौत का तांडव जिसमे अहरौरा थाना क्षेत्र के सोनपुर चिरैया पहाड़ी की घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी मचा कर रख दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अहरौरा थाना क्षेत्र के चकजता सरिया गाँव के रहने वाले प्रकाश कोल की पुत्री राधा उम्र 12 वर्ष, खुशबू उम्र 10 वर्ष एवं पुत्र काजू उम्र 8 वर्ष की पत्थर की खदान से बने गड्ढे में भरे पानी में नहाते समय डूबने से मृत्यु हो गयी। इस तरीके की घटना ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है। जिले मे बृहद पैमाने पर केवल खनन और परिवहन का कार्य होता है।

जिले में खनिज सम्प्रदा ही एकमात्र व्यवसाय है। जिले में खनन माफिया इतने सक्रिय है कि बड़े बड़े विशाल पहाड़ो को गड्ढे में तब्दील कर देते है। जिसकी वजह से आये दिन दुर्घटना होती रहती है। घटना की सूचना पर पहुची पुलिस ने फ्लड पीएसी व गोताखोरो की मदद से तीनों शव बरामद कर लिया गया है । परिजनों द्वारा बताया गया कि शुक्रवार को तीनों बच्चे बकरियां व गाय को चराने लेकर गए थे। परन्तु देर शाम घर वापस न आने पर काफी खोजबीन की गयी परन्तु कुछ पता नही चला । पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है।

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जिले में खनन माफियाओं ने मचा रखा है मौत का तांडव

खनन माफियाओं द्वारा बड़े बड़े पहाड़ो पर सैकड़ो डीपपहोल करके ब्लास्टिंग प्लिंथ लेबल से नीचे खनन करके पर्यावरण को भारी क्षति पहुँचाया जा रहा है।दोपहर के समय लगातार हर एरिया में दर्जनों ब्लास्टिंग से धरती सिहर उठती है। जिसका खामियाजा वहां की आम मजबूर जनता भुगत रही है।ऐसे जगहों पर अधिकतर आबादी गरीब मजदूर जैसो की होती है।अगर ये आवाज उठाते है तो अधिकारी और अवैध खनन कर्ता उल्टे राजस्व क्षति का मामला दर्ज कर जेल भेजने का रौब जमाते है।जिससे आहत ये लोग अपने को असहाय महसूस करते हैं।ब्लास्टिंग से पूर्वांचल का माना जाना वाला जरगो जलासय भी कमजोर होता जा रहा है।

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ब्लास्टिंग व खनन से नुकसान

ताबड़तोड़ ब्लास्टिंग से यहां बने मकानों में दरारें पड़ रही हैं।पशुओ के चारे डस्ट से बर्बाद हो रहे हैं।पानी का स्तर जमीन से काफी नीचे चला गया है।लोग एक्जिमा,टीवी, कैंसर जैसे रोगों के शिकार हो रहे हैं।अहरौरा के आसपास के करीब आधी आबादी को चर्मरोग जैसे कई तरह की एलर्जी जैसी बीमारी हो गयी है। ब्लास्टिंग से उड़ने वाले बारूद और कंक्रीट के कण हवा में घुलकर प्रदूषण फैला रहे हैं। प्रेग्नेंट महिलाओं एवम मवेशियों के पेट मे पलने वाले बच्चे वाइब्रेशन से सिहर जाते हैं। जिसके चलते समय से पहले डिलीवरी और प्रसव पीड़ा होने की भी शिकायत मिलती हैं।

लाचार प्रशासन नेताओ के गिरफ्त में

पुलिस विभाग के अगर थाने स्तर के अधिकारी ऐसे माफियाओं पर गलती से कार्यवाही कर भी दे तो कई तीरंदाज लोग,सत्ता पक्ष के नेता, खनन सम्बन्धित अधिकारी का फोन कॉल बजने लगता हैं। सफेद हिरे का मकड़जाल इस कदर फैल है कि इससे पार पाना टेढ़ी खीर साबित हो रही है, जो नेता गरीबो के हमदर्द बन न्याय दिलाने का बीड़ा उठाये थे आज वही लोग इन माफियाओ के चंगुल में आकर खुद ही अवैध खनन में लिप्त हो गये है।

रिपोर्टर- ब्रिजेन्द्र दुबे, मिर्जापुर

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