UP Mobile Veterinary Service Started: अब एक कॉल पर बीमार पशुधन के लिए उपलब्ध होंगे डॉक्टर, कोई भी ऐसे ले सकता है मदद

Mobile Veterinary Service Started: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना के तहत रविवार को 201 करोड़ रुपए की लागत से 520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट का शुभारंभ किया.

Vertika Sonakia
Published on: 27 March 2023 11:41 AM GMT
UP Mobile Veterinary Service Started: अब एक कॉल पर बीमार पशुधन के लिए उपलब्ध होंगे डॉक्टर, कोई भी ऐसे ले सकता है मदद
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Mobile Veterinary Van Started by CM Yogi Adityanath(Photo:Social Media)

Mobile Veterinary Service Started: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना के तहत 201 करोड़ रूपए की लागत से 520 मोबाइल यूनिट का शुभारंभ किया. शुभारंभ करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा “पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना पशुधन के क्षेत्र में एक नए युग का सूत्रपात है. उन्होंने कहा कि पांच मोबाइल वेटरनरी वैन उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में पशुओं के लिए उपलब्ध रहेंगी. हम सभी देखते थे कि किसी पशु के ऐक्सिडेंट या बीमारी के दौरान समय पर उसे डॉक्टर उपलब्ध नहीं हो पाता था.

कहा से हुआ इन ऐम्बुलेंस का शुभारंभ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा रविवार को लखनऊ स्थित कालिदास मार्ग से इन मोबाइल वेटरनरी एम्बुलेन्स को हरी झंडी दिखाकर हर ज़ोन में भेजा गया. ये वैन जानवरों की सुरक्षा के लिए हर जिले में काम करेंगी। इसके साथ ही इनमें डॉक्टर भी मौजूद होंगे।

कैसे इस एम्बुलेंस की सेवा प्राप्त करे

यह योजना पशुधन संरक्षण के लिए एक अहम योजना है. पिछले छह वर्षो में गौ संरक्षण के लिए हमारी सरकार ने विभिन्न योजनाएं शुरू करी. सभी 520 वेटरनरी मोबाइल वैन 1962 टोल फ्री नंबर के जरिए संचालित की जाएंगी. इन एंबुलेंस में जानवरों का निशुल्क इलाज किया जाएगा. पशु एम्बुलेंस में उपलब्ध सुविधाएं प्रत्येक एम्बुलेंस की कीमत लगभग 17 लाख रूपए है जिसमें पशु के ऑपरेशन तक की सुविधा उपलब्ध है. जिन बड़े पशुओं को अस्पताल तक लाना ही कठिन समस्या है उनके लिए भी इस ऐम्बुलेंस में इलाज की उच्च व्यवस्था है.

पशुपालन निदेशालय में बनाया गया इसका कंट्रोल रूम

प्रदेश के 75 जिलों को 5 ज़ोन में बांटा गया है- लखनऊ, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर और मेरठ. इन सभी एंबुलेंस का संचालन पांच निजी कंपनियों द्वारा होगा. एक कंपनी एक एक ज़ोन का संचालन करेगी. इस सेवा का कंट्रोलरूम पशुपालन निदेशालय में बनाया गया है. पांचों कंपनियां इस निर्देशालय से जुड़कर एक फ़ोन कॉल पर एंबुलेंस पहुंचाएगी. 1 लाख पशुओं की संख्या वाले ब्लॉक पर एक ऐम्बुलेंस उपलब्ध रहेंगी.

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