कैग की रिपोर्ट में सामने आया मोदी सरकार का खोखला राष्ट्रवाद: कांग्रेस

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने राजधानी लखनऊ में बुधवार से आयोजित हो रहे डिफेन्स एक्सपो पर सवाल उठाते हुए मंगलवार को कहा कि एक तरफ भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार डिफेन्स एक्सपो के नाम पर अरबों रुपये ब्रान्डिंग के नाम पानी की तरह बहा रही है।

SK Gautam
Published on: 4 Feb 2020 3:40 PM GMT
कैग की रिपोर्ट में सामने आया मोदी सरकार का खोखला राष्ट्रवाद: कांग्रेस
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लखनऊ: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि संसद में पेश कैग की रिपोर्ट के साथ ही मोदी सरकार का खोखला राष्ट्रवाद देश की जनता के सामने खुलकर आ गया है कि किस प्रकार जरूरी चीजों में भी सरकार सेना के जवानों के जीवन को दांव पर लगाकर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है।

डिफेन्स एक्सपो पर सवाल

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने राजधानी लखनऊ में बुधवार से आयोजित हो रहे डिफेन्स एक्सपो पर सवाल उठाते हुए मंगलवार को कहा कि एक तरफ भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार डिफेन्स एक्सपो के नाम पर अरबों रुपये ब्रान्डिंग के नाम पानी की तरह बहा रही है। वहीं दूसरी ओर दुरूह परिस्थितियों में अपनी जान हथेली पर लेकर देश की लगभग 130 करोड़ भारतवासियों की हिफाजत करने वाले हमारे सेना के जवानों को भोजन और वेतन के साथ ही जरूरी सैन्य उपकरणों की कमी से जूझना पड़ रहा है।

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अजय कुमार ने बीते सोमवार को संसद में पेश कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए देश की सर्वोच्च ऊंचाई पर स्थित सरहद सियाचिन और लद्दाख में दिन-रात अपने प्राणों को दांव पर लगाकर राष्ट्र की सुरक्षा में जुटे जवानों को जरूरी साजो-सामान, वेतन व राशन न मिल पाने को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

सेना के लिए महत्वपूर्ण उपकरणों की उपलब्धता में 62 से 98 फीसदी कमी

उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सेना के जवानों को जरूरी उपकरण उपलब्ध कराने में काफी देरी हुई है। कई महत्वपूर्ण उपकरणों की उपलब्धता में 62 से 98 फीसदी कमी दर्ज की गयी। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इतनी ऊँचाई पर काम करने वाले जवानों को कपड़ों, उपकरणों की उपलब्धता में चार वर्ष का विलम्ब किया गया।

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नवम्बर 2015 से 2016 के बीच में बहुउद्देश्यीय जूते तक सरकार उपलब्ध नहीं करा पायी। सेना के जवान पुराने व मरम्मत किये हुए जूतों से काम चला रहे थे। इसके अतिरिक्त पुराने किस्म के फेस मास्क, जैकेट, स्लीपिंग बैग्स आदि सरकार ने जो जवानों को दिये उससे कहीं ज्यादा उच्च तकनीकी चीजें बाजार में उपलब्ध थीं।

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