×

अब मलेरिया और डेंगू का कहरः मानसून ने बढ़ाई आफत, नई चुनौती ने किया बेहाल

बारिश के मौसम में स्किन इंफेक्शन के अलावा मलेरिया और डेंगू जैसी कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यूपी के कई हिस्सों में भी हल्की व भारी बारिश हो रही है, जिसके बाद यहां भी मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।

Newstrack
Published on: 27 July 2020 8:10 AM GMT
अब मलेरिया और डेंगू का कहरः मानसून ने बढ़ाई आफत, नई चुनौती ने किया बेहाल
X

लखनऊ। यूपी पहले से ही कोरोना के मरीजों के बढ़ते मामले को लेकर जूझ रहा है और अब मानसून में होने वाली बारिश और राज्य के कई इलाकों में जलभराव व बाढ़ की स्थिति कोढ़ में खाज वाले हालात बना सकती है। बारिश के मौसम में होने वाले संक्रामक रोगों को लेकर चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की समस्या बढ़ सकती है। यूपी में पहले से ही चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों की कमी है और जो है उनमे से अधिकांश कोरोना संक्रमण से लड़ाई में जूझ रहे है। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि अगर संक्रामक रोगों का प्रसार हुआ तो हालात और खराब हो सकते है।

ग्राहक हो जाएं सावधान: आज से बदले ये नियम, सख्ती से करना होगा पालन

मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है

बारिश के मौसम में स्किन इंफेक्शन के अलावा मलेरिया और डेंगू जैसी कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यूपी के कई हिस्सों में भी हल्की व भारी बारिश हो रही है, जिसके बाद यहां भी मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा इसी मौसम में यूपी के पूर्वाचंल में जेई और इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारियों का भी प्रकोप रहता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 18 लाख लोगों को मलेरिया की बीमारी से जूझना पड़ता है।

पूरी दुनिया में मलेरिया से प्रभावित देशों में से 80 फीसदी केस भारत, इथियोपिया, पाकिस्तान और इंडोनेशिया के होते हैं। केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में देश भर में मलेरिया के 11 लाख 2 हजार 205 मामले सामने आए थे, लेकिन अब धीरे-धीरे इनमें कमी होती जा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मलेरिया, डेंगू, लेप्टोस्पायरोसिस और इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारियां आने वाले महीनों में बढ़ सकती हैं।

बंद कमरे में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के मौसम में नमी बढ़ती है। वायरस ज्यादा देर तक सक्रिय रहते हैं। बंद कमरे में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। आर्द्रता बढ़ने से एयरोसोल ट्रांसमिशन के लिए उपयुक्त परिस्थिति बन जाती है। ये जल्दी नष्ट भी नहीं हो पाते हैं। बारिश के मौसम में मच्छरों से फैलने वाली बीमारी मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि के मरीज बढ़ जाते हैं।

इनके शुरुआती लक्षण भी कोरोना के जैसे हो सकते हैं। ऐसे में घबराहट में यदि बढ़ी हुई संख्या में मरीज अस्पताल जाएंगे तो अस्पतालों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। कोरोना में मास्क को अहम माना गया है। बारिश में जो लोग टू-व्हीलर से सफर करते हैं या पैदल चलते हैं, उनके मास्क भीग सकते हैं। विशेषज्ञ सूखा मास्क लगाने को ही कहते हैं। दूसरी तरफ ह्यूमिडिटी में लंबे समय तक मास्क लगाना भी मुश्किल है।

दुश्मनों का होगा पलभर में खात्मा: राफेल में है जबरदस्त खासियत, जानें 10 बड़ी बातें

रिपोर्ट में हुआ खुलासा

आईआईटी बॉम्बे में बीती पहली मार्च से 10 अप्रैल के बीच किए गए एक अध्ययन के मुताबिक मानसून में आर्द्रता बढ़ने के कारण कोरोना का खतरा बढ़ सकता है। रिसर्च में बताया गया है कि गर्म और शुष्क मौसम में खांसने और छींकने से निकले ड्रॉपलेट्स जल्दी सूख जाते हैं। जबकि बारिश में यह ज्यादा देर तक नम रहने के कारण संक्रामक बना रह सकता है। अध्ययन में न्यूयॉर्क, शिकागो, मियामी, सिंगापुर, सिडनी और लॉस एंजिलिस के मरीजों के डेटा, इन 06 शहरों के तापमान, ह्यूमिडिटी आदि को आधार बनाया गया था।

रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव, लखनऊ

रिश्ते को लेकर परेशानः अपनाएं ये पांच टिप्स, बदल जाएगी दुनिया

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story