ठेले पर शव: ये है जिला अस्पताल की गंदी करतूत, सामने आई प्रशासन की सच्चाई

सरकारी व्यवस्थाओं में की जा रही लापरवाही की वजह से जिला अस्पताल में एक बुढ़ी महिला की लाश को उसके घरवालों द्वारा ठेले पर लेकर जाना पड़ा।

Vidushi Mishra
Published on: 28 Jun 2020 7:45 AM GMT
ठेले पर शव: ये है जिला अस्पताल की गंदी करतूत, सामने आई प्रशासन की सच्चाई
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लखनऊ। कोरोना महामारी की वजह से प्रदेश के लोगों को तमाम परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। उत्तर प्रदेश के संभल में सरकारी व्यवस्थाओं में की जा रही लापरवाही की वजह से जिला अस्पताल में एक बुढ़ी महिला की लाश को उसके घरवालों द्वारा ठेले पर लेकर जाना पड़ा। इस पूरी बात की जानकारी अस्पताल के पूरे प्रशासन को थी। कोरोना वायरस के डर से बुढ़ी महिला को ‘ब्राट डेड? बताने वाले अस्पताल में ट्रू नेट से उसका टेस्ट भी कराया गया।

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ठेले पर शव

संभल के जिला अस्पताल में इसके बाद भी महिला के शव को घर ले जाने के लिए कोई वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया। घरवालों द्वारा ठेले पर शव लेकर जाता देखकर कुछ लोगों ने इसकी वीडियो बना लिया। जिसके बाद ये वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो गई।

जिला अस्पताल के आपातकाल में तैनात डॉक्टर ने महिला का स्वास्थ्य परीक्षण किया और उसे मृत घोषित कर दिया। इसके साथ ही कोरोना आशंकित मानते हुए ट्रू नेट मशीन से कोरोना की जांच कराई गई।

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इस मामले की जांच कराने की बात कह रहे

लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आने पर शव घरवालों के सुपुर्द कर दिया। महिला के मजबूर परिजन ठेले पर ही शव ढोते हुए घर ले गए। हालांकि कुछ जिम्मेदार इस मामले की जांच कराने की बात कह रहे हैं।

तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो से जिला अस्पताल की लापरवाही सबके सामने आ गई है। इस मामले की सच्चाई जानने के लिए शव ढोने वाले परिजनों से संपर्क किया गया।

घरवालो द्वारा ठेले पर महिला को अस्पताल लेकर जाने वाले बरेली सराय निवासी प्रेमपाल ने बताया कि उनकी सास जानकी देवी बिलारी की रहने वाली थीं। ससुर की मौत हो गई थी तो उसके बाद से संभल में ही रह रही थीं। शुक्रवार को 11 बजे करीब हालत अचानक बिगड़ी थी।

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अस्पताल में भर्ती नहीं किया।

किसी वाहन की व्यवस्था नहीं हुई तो ठेले पर ही अस्पताल ले गए थे। बताया कि निजी अस्पताल कोई बंद मिला तो किसी अस्पताल में भर्ती नहीं किया। सभी ने सरकारी अस्पताल लेकर जाने के लिए कहा। जब सरकारी अस्पताल पहुंचे तो वहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।

आगे उन्होंने बताया कि कोरोना आशंकित मानते हुए ट्रू नेट मशीन से कोरोना की जांच कराई। इसमें रिपोर्ट निगेटिव आ गई। इसके बाद शव सुपुर्द कर दिया। अब सवाल उठता है कि कोरोना आशंकित मानते हुए ट्रू नेट मशीन पर जांच कराई पर शव घर तक पहुंचाने के लिए शव वाहन की व्यवस्था नहीं की गई।

इस बारे में संभल के डा. एके गुप्ता, सीएमएस ने बताया कि जिला अस्पताल से ठेले पर शव ले जाने की जानकारी नहीं है। पीड़ित परिवार ने शव वाहन की मांग की थी या नहीं इसकी जांच कराएंगे। फिलहाल जांच जारी है।

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