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Moradabad News: जमीन को लेकर विकास प्राधिकरण और किसानों में तनातनी, जमीन देने से इनकार, एमडीए लेने पर अड़ा
Moradabad News: मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के आधुनिक शहर बनाने के ऐलान के दो दिन बाद ही किसानों ने विकास प्राधिकरण कार्यालय में हंगामा करते हुए जमीन नहीं देने जैसे नारे लगाए हैं।
Moradabad News: मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के शहर को आधुनिक बनाने के प्रस्ताव को एक जोरदार झटका लगा है। शहर को सुंदर और आधुनिक बनाने के प्रस्ताव में गांव के लोगों द्वारा जमीन को न दिए जाने का फैसला अड़चन पैदा कर रहा है। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के आधुनिक शहर बनाने के ऐलान के दो दिन बाद ही किसानों ने विकास प्राधिकरण कार्यालय में हंगामा करते हुए जमीन नहीं देने जैसे नारे लगाए हैं।
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जमीन नहीं देंगे तो विकास शुल्क लगेगा
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के सचिव राजीव पांडे ने कहा है कि भूमि किसानों से आम सहमति के आाधार पर ली जाएगी। किसान अगर जमीन नहीं देता है तो उसे नियमानुसार डेवलपमेंट चार्ज देना होगा और नक्शा भी पास कराना होगा। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने लगभग 11 गांवों की जमीन किसानों की सहमति के आधार पर लेकर आधुनिक शहर बसाने की योजना बनाई है। उपाध्यक्ष शैलेश कुमार सिंह ने बताया था कि योजना के तहत कई गांवों की जमीन लेना प्रस्तावित है।
इन गांवों को किया गया है योजना में शामिल
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की ओर से बनाई गई विकास योजना के अंतर्गत डिडोरी, डिडोरा, चौधरपुर, खदाना, रसूलपुर सुनवाती, सोनकपुर, भीमाठेर, लोधीपुर, जवाहरनगर, सलेमपुर बांगर, शाहपुर तिगरी, सिंकदरपुर गांवों की करीब 1250 हेक्टेयर जमीन आम सहमति के आधार पर ली जाएगी। आधुनिक शहर में मेडिसिटी, एजुकेशन सिटी, हैंडीक्राफ्ट सिटी, आईटी सिटी भी बनाने का प्रस्ताव है। साथ ही रिवर फ्रंट एम्यूजमेंट पार्क, व्यवसायिक सेक्टर व पर्यटन स्थल भी विकसित किए जाएंगे। उन्होंने साफ कहा था कि जमीन की खरीद किसानों से होगी और नियमानुसार सर्किल रेट से अधिक का भुगतान किया जाएगा।
भाकियू के नेतृत्व में किसानों ने किया प्रदर्शन
सोमवार को सैकड़ों किसान भाकियू के नेतृत्व में मुविप्रा कार्यालय आए और जोरदार नारेबाजी की। किसान किसी भी कीमत पर जमीन नहीं देने के नारे लगा रहे थे। किसान नेताओं ने कहा कि मुविप्रा का फैसला उचित नहीं है। किसानों की जमीन जबरन लेने की कोशिश करने पर उन्होंने उपद्रव की आशंका जताई है। किसान नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए और कानूनी अधिकारों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। किसानों ने कहा कि इस मुद्दे पर लंबे संघर्ष को तैयार हैं। उन्होंने कहा है कि अफसर किसानों की समस्याओं को समझें और जमीन लेने की प्रक्रिया को खत्म करें। किसान नेताओं ने कहा है कि वह डीएम और मंडलायुक्त से मिलकर किसानों की जमीन नहीं लेने का आग्रह करेंगे। इस बीच मुविप्रा सचिव राजीव पांडे ने कहा कि किसानों से जमीन आम सहमति से आधार पर ली जानी है, जो किसान जमीन नहीं देगा उससे जबरदस्ती नहीं की जाएगी।