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Moradabad News: गलत इलाज करने पर तीर्थंकर मेडिकल कालेज एवं रिसर्च सेन्टर के डाक्टर पर लगा जुर्माना
Moradabad News: उपभोक्ता आयोग ने सुनाया फैसला, पीड़िता की चिकित्सा में व्यय की गई धनराशि 2,22715 रुपए उस पर परिवाद संस्थान की तिथि से 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दो माह में अदा करने का दिया आदेश।
Moradabad News: बहजोई निवासी सोमपाल सिंह यादव की पत्नी सोमवती को सरर्वाइकल की समस्या से पीड़ित डीसी थी जिनके सिर के पीछे गर्दन के ऊपर एक गांठ बन गई थी जिनको इलाज के लिए तीर्थंकर मेडिकल कालेज एवं रिसर्च सेन्टर में डाक्टर सुशील कुमार भगवार को दिखाया गया। जहां उनकी एमआरआई तथा अन्य जांच करायी गई तथा छह दिनों भर्ती रख कर कुछ दवाओं के सेवन की सलाह दी और कुछ दिनों बाद आकर दिखाने की बात कही।
कुछ दिनों बाद सोमवती को पुनः टीएमयू अस्पताल में ले जाया गया तो डाक्टर सुशील कुमार भगवार ने बताया कि इनके सिर के पीछे एक गांठ बनी है जो खून संचार की मुख्य नस है जिसको आपरेशन कर शीघ्र नहीं निकाला गया तो मरीज कोमा में जा सकता है और भविष्य में चलने फिरने में लाचार हो सकता है। डाक्टर की सलाह पर उनका आपरेशन कराया गया। परन्तु कुछ सुधार न पाकर उनको दूसरे अस्पताल में दिखाया गया तो दूसरे डाक्टर द्वारा पुनः एमआरआई करायी गई तो पता चला की गांठ अपने स्थान पर मौजूद है और कुछ उन्नीस बीस का ही अन्तर आया है, जो दवाओं के सेवन से ही हो सकता है।
अस्पताल से बाहर निकाल देने के लिए गार्ड को बुलाया गया
आपरेशन कर गांठ को नहीं निकाला गया है तो सोमवती के परिजनों को काफी दुःख हुआ जिसकी शिकायत लेकर सोमवती के परिजन पुनः टीएमयू अस्पताल गए और इलाज में की गई लापरवाही की शिकायत की तो उन्हें अस्पताल से बाहर निकाल देने के लिए गार्ड को बुला लिया गया।
मजबूर होकर वो वहां से चले आये। उन्होंने ये सभी बाते उपभोक्ता मामलों के विशेषज्ञ अधिवक्ता लव मोहन वाष्र्णेय को बताया तो उन्होंने पीड़ित परिवार की मदद के लिए टीएमयू अस्पताल व डाक्टर के विरुद्ध जिला उपभोक्ता आयोग सम्भल में परिवाद प्रस्तुत किया जहां दोनों पक्ष उपस्थित हुए तो डाक्टर के अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि हमारे द्वारा आपरेशन कर जितनी आवश्यकता थी गांठ को निकाला गया। पूर्ण गांठ इसलिए नहीं निकाली गई की मरीज कोमा में जा सकता था। इसका विरोध अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय द्वारा किया गया और बताया कि आपरेशन के नाम पर फीस वसूली गई है। परन्तु गांठ को नहीं निकाला गया है जो अन्तर आया है वो दवाओं के सेवन से आया है। डाक्टर द्वारा इलाज में लापरवाही बरती गई है और उसके लिए विपक्षी पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं।
डाक्टर पर लगा जुर्माना
दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों ने अपना निर्णय सुनाते हुए आदेश दिया कि विपक्षीगण तीर्थांकर महावीर यूनिवर्सिटी- तीर्थांकर महावीर मेडिकल कालेज एण्ड रिसर्च सेंटर के मुख्य प्रबंधक/डायरेक्टर एमडी व डाक्टर सुशील कुमार भगवार तथा ओरियंटल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड को आदेशित किया जाता है कि वे परिवादी की पत्नी की चिकित्सा में व्यय की गई धनराशि मुबलिग 2,22715 रु दो लाख बाइस हजार सात सौ पन्द्रह रुपए उस पर परिवाद संस्थान की तिथि से 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित अन्दर दो माह में अदा करें।
इसके अलावा विपक्षीगण परिवादी को मुबलिग 50000 पचास हजार रुपए मानसिक कष्ट व आर्थिक हानि के मद में तथा 10000 रुपए वार व्यय के मद में भी अदा करेंगे। नियत अवधि के अन्दर धनराशि न अदा किए जाने की दशा में ब्याज 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से देय होगा।